Link Expressway: उत्तर प्रदेश की विकास गाथा को और गति देने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। यीडा और यूपीडा ने मिलकर गंगा एक्सप्रेसवे और यमुना एक्सप्रेसवे को जोड़ने के लिए 74 किलोमीटर लंबे Link Expressway का खाका तैयार कर लिया है। यह छह लेन का हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को न केवल बेहतर कनेक्टिविटी देगा, बल्कि औद्योगिक विकास और रियल एस्टेट को भी नई ऊंचाइयों पर पहुंचाएगा। लगभग 4,000 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह एक्सप्रेसवे पश्चिमी यूपी के 22 जिलों से लेकर छोटे कस्बों तक सीधा संपर्क स्थापित करेगा। इसके चलते मेरठ से प्रयागराज तक के सफर में 2 घंटे तक की कमी आएगी।
नोएडा से प्रयागराज तक मजबूत संपर्क
यमुना एक्सप्रेसवे, जो प्रदेश का पहला एक्सप्रेसवे है, अब गंगा एक्सप्रेसवे से जुड़ने जा रहा है। यह कनेक्टिविटी नोएडा और दिल्ली को पूर्वी यूपी के प्रमुख जिलों से जोड़ेगी। लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण यमुना एक्सप्रेसवे के 24.8 किलोमीटर माइलस्टोन (फिल्म सिटी सेक्टर-21 के पास) से शुरू होगा और गंगा एक्सप्रेसवे के 44.3 किलोमीटर बिंदु (बुलंदशहर के सियाना क्षेत्र) तक जाएगा। पहले इसकी लंबाई 83 किमी प्रस्तावित थी, जिसे अब घटाकर 74.3 किमी कर दिया गया है।
54 गांवों की जमीन पर होगा निर्माण
यह Link Expressway 54 गांवों की जमीन पर बनाया जाएगा, जिनमें गौतम बुद्ध नगर के 9 और बुलंदशहर जिले के 45 गांव शामिल हैं। भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और यमुना प्राधिकरण ने उप्रड़ा को अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया है। इससे न केवल किसानों को मुआवजा मिलेगा, बल्कि क्षेत्र में रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।
इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और संपत्ति मूल्य में वृद्धि
बुलंदशहर के पास एक मेगा इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का प्रस्ताव भी इस परियोजना से जुड़ा हुआ है। इससे स्थानीय उद्योगों को मजबूती मिलेगी और राज्य एक नए लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभर सकता है। इस पूरे क्षेत्र में संपत्ति मूल्यों में भारी उछाल की संभावना जताई जा रही है, जिससे रियल एस्टेट में निवेशकों की रुचि बढ़ेगी।
यात्रियों और व्यापार के लिए वरदान
यह नया Link Expressway दिल्ली-एनसीआर, पश्चिमी यूपी और आस-पास के राज्यों से नोएडा एयरपोर्ट तक यात्रियों के सफर को आसान बनाएगा। साथ ही, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे से भी इसका संपर्क समय घटाएगा। गंगा और यमुना एक्सप्रेसवे के जुड़ने से प्रदेश को नई औद्योगिक पहचान और विकास की रफ्तार मिलने की पूरी संभावना है।
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