गाजियाबाद विकास प्राधिकरण की बड़ी सौगात: अब सिर्फ 1 रुपये में पास होगा घर का नक्शा, आम आदमी को राहत

गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने आम आदमी को बड़ी राहत दी है। अब 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लॉट और 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक प्लॉट का नक्शा सिर्फ ₹1 प्रति वर्ग मीटर फीस पर पास होगा। निरीक्षण शुल्क भी माफ कर दिया गया है।

GDA house plan: दिल्ली से सटे गाजियाबाद में घर बनाने का सपना अब और भी सस्ता हो गया है। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (GDA) ने आम आदमी को बड़ी राहत देते हुए घर के नक्शे पास कराने की फीस में भारी कटौती की घोषणा की है। इस नए नियम के तहत, छोटे आवासीय और व्यावसायिक प्लॉट पर नक्शा पास कराना अब नाममात्र के शुल्क पर संभव होगा।

अगर आपका आवासीय प्लॉट 100 वर्ग मीटर तक का है, तो नक्शा पास कराने की फीस जो पहले ₹5 प्रति वर्ग मीटर थी, उसे घटाकर अब सिर्फ ₹1 कर दिया गया है। इसी तरह, 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक प्लॉट (दुकान) के लिए भी यह फीस ₹30 प्रति वर्ग मीटर से घटाकर मात्र ₹1 कर दी गई है। इसके अलावा, छोटे भूखंडों के लिए लगने वाला निरीक्षण शुल्क (Inspection Fee) पूरी तरह से माफ कर दिया गया है।

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जीडीए के इस फैसले से मध्यम वर्ग और छोटे व्यापारियों को बड़ी राहत मिली है।

छोटे प्लॉट पर बड़ी बचत

यह GDA  संशोधन विशेष रूप से छोटे प्लॉट मालिकों के लिए फायदेमंद है। पहले 100 वर्ग मीटर के आवासीय प्लॉट पर नक्शा पास कराने की फीस ₹500 थी, जो अब घटकर केवल ₹100 रह गई है।

प्लॉट का प्रकार

पुराना शुल्क (प्रति वर्ग मीटर)

नया शुल्क (प्रति वर्ग मीटर)

पुरानी फीस (100 वर्ग मी. पर)

नई फीस (100 वर्ग मी. पर)

आवासीय (100 वर्ग मी. तक)

₹5

₹1

₹500

₹100

व्यावसायिक (30 वर्ग मी. तक)

₹30

₹1

₹900 (30 वर्ग मी. पर)

₹30 (30 वर्ग मी. पर)

निरीक्षण शुल्क भी माफ

घर बनाते समय GDA अथॉरिटी द्वारा लिया जाने वाला ₹20 प्रति वर्ग मीटर का निरीक्षण शुल्क भी अब 100 वर्ग मीटर तक के आवासीय प्लाट और 30 वर्ग मीटर तक के व्यावसायिक प्लाट के लिए पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। जीडीए के उपाध्यक्ष (VC) नंद किशोर कलाल ने पुष्टि करते हुए बताया कि उत्तर प्रदेश नगर योजना और विकास परमिट फीस, भवन परमिट फीस और निरीक्षण फीस नियमावली में यह पहला संशोधन है, जिसे जीडीए में लागू कर दिया गया है।

बिल्डरों को भी मिली राहत

GDA का यह फैसला बड़े विकास प्रोजेक्ट्स के लिए भी प्रक्रिया को आसान बनाता है।

  • परमिट वैलिडिटी: अगर किसी बड़े प्रोजेक्ट के परमिट की वैधता (Validity) खत्म हो गई है और काम शुरू नहीं हो पाया है, तो अब बिल्डर परमिट को दोबारा वैलिड करा सकेंगे।

  • बची हुई अवधि के लिए सुविधा: यह सुविधा उन्हें बची हुई अवधि के लिए दी जाएगी, जिससे उन्हें पूरा काम दोबारा शुरू करने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

  • फीस में कमी: डेवलपमेंट परमिट और बिल्डिंग परमिट दोनों की अवधि बढ़ाने की फीस मूल फीस की 50% ही बनी रहेगी।

यह कदम गाजियाबाद में निर्माण गतिविधियों को बढ़ावा देगा और ‘ईज ऑफ डूइंग बिजनेस’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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