Ghaziabad HIV Infection: सड़क किनारे टैटू बनवाने से 68 महिलाएं हुईं HIV संक्रमित, क्या टैटू से फैलता है एड्स?

Ghaziabad HIV infection: गाजियाबाद में सड़क किनारे टैटू बनवाने से 68 महिलाएं HIV संक्रमित हो गईं। इन महिलाओं ने अवैध टैटू स्टूडियो का इस्तेमाल किया था। जांच में पाया गया कि इनकी तबियत बिगड़ने के बाद HIV संक्रमण का पता चला। डॉक्टरों का कहना है कि टैटू से संक्रमण का खतरा कम होता है।

Ghaziabad HIV Infection

Ghaziabad HIV Infection: गाजियाबाद जिले से एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है, जहां सड़क किनारे टैटू बनवाने से 68 महिलाएं HIV संक्रमित हो गईं। इन महिलाओं ने अपने शरीर पर टैटू बनवाने के लिए सड़क किनारे स्थित अवैध स्टूडियो का सहारा लिया था। हालांकि, जब इनमें से कुछ महिलाएं गर्भावस्था और स्वास्थ्य जांच के लिए अस्पताल पहुंची, तो उनके HIV पॉजिटिव होने का पता चला। विशेषज्ञों का कहना है कि टैटू बनवाने से HIV Infection का खतरा अत्यंत कम होता है, लेकिन यह संक्रमण केवल तब हो सकता है, जब टैटू बनाने के उपकरण या सुइयों का सही तरीके से उपयोग न किया गया हो।

टैटू बनवाने के बाद महिलाओं की तबियत बिगड़ी

गाजियाबाद जिले के अस्पतालों में HIV infection होने वाली महिलाओं की संख्या में आश्चर्यजनक वृद्धि देखी जा रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह आंकड़ा केवल जिला अस्पताल का है, जबकि अन्य महिलाएं निजी अस्पतालों में इलाज करवा रही थीं। इन 68 महिलाओं में से 20 ने सड़क के किनारे टैटू बनवाए थे। वे सभी यह दावा करती हैं कि टैटू बनवाने के बाद उनकी तबियत बिगड़ने लगी थी। जब इन महिलाओं की जांच की गई, तो उनमें HIV Infection का पता चला। जिला अस्पताल की HIV काउंसलर उमा सिंह के अनुसार, हर साल करीब 15-20 महिलाएं HIV संक्रमित हो रही हैं, और पिछले चार सालों में यह आंकड़ा 68 तक पहुंच गया है।

टैटू और HIV के बीच संबंध

सड़क किनारे टैटू बनवाने वाली महिलाओं में HIV Infection के मामले बढ़ने के बाद यह सवाल उठता है कि क्या टैटू बनवाने से एड्स फैल सकता है? गाजियाबाद जिला अस्पताल की पैथोलॉजिस्ट डॉ. शैफाली अग्रवाल का कहना है कि टैटू बनवाने से HIV संक्रमण का खतरा बहुत कम होता है, लेकिन यह सिर्फ तभी हो सकता है जब टैटू बनाने के लिए प्रयोग की जाने वाली सुई या उपकरण ठीक से स्टरलाइज्ड न हों। उनका कहना है कि टैटू बनाने के लिए हमेशा नए और स्वच्छ उपकरण का इस्तेमाल किया जाना चाहिए। यदि इस प्रक्रिया में किसी संक्रमित व्यक्ति का उपकरण या सुई इस्तेमाल की जाती है, तो संक्रमण का खतरा हो सकता है।

सतर्कता की आवश्यकता

गाजियाबाद जिला अस्पताल में एड्स से संक्रमित महिलाओं का सफल प्रसव भी हुआ है, जिससे यह साबित होता है कि एचआईवी संक्रमित महिलाओं का इलाज सही तरीके से किया जा सकता है। लेकिन डॉक्टरों का कहना है कि जब तक टैटू बनाने वाले स्थान पर सफाई और स्वच्छता का ध्यान नहीं रखा जाएगा, तब तक संक्रमण के खतरे को पूरी तरह से नकारा नहीं किया जा सकता। इसलिए, टैटू बनवाने से पहले यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि सुइयों और उपकरणों का सही तरीके से इस्तेमाल हो।

इस घटना ने इस बात को फिर से उजागर किया है कि चिकित्सा से जुड़े सभी कार्यों में स्वच्छता और सावधानी बरतना अत्यंत आवश्यक है, ताकि इस तरह के गंभीर संक्रमण से बचा जा सके।

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