Ghazipur: माहपुर हाल्ट को स्टेशन का दर्जा दिलाने की मांग, गांववालों ने तीन घंटे तक रोकी ट्रेन

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में गांव वालों ने रेलवे हाल्ट को स्टेशन का दर्जा दिलाने के लिए जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग चलती ट्रेन के आगे कूदकर उसे रोकने की कोशिश करते रहे। उन्होंने लखनऊ से वाराणसी जाने वाली कृषक एक्सप्रेस को लगभग एक घंटे तक रोके रखा, जिससे रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया।

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Ghazipur News: उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में गांव वालों ने रेलवे हाल्ट को स्टेशन का दर्जा दिलाने के लिए जोरदार प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कुछ लोग चलती ट्रेन के आगे कूदकर उसे रोकने की कोशिश करते रहे। उन्होंने लखनऊ से वाराणसी जाने वाली कृषक एक्सप्रेस को लगभग एक घंटे तक रोके रखा, जिससे रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया। नजदीकी रेलवे स्टेशन के मास्टर ने वरिष्ठ अधिकारियों से बात करके लोगों को सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन देकर धरना खत्म कराया।

माहपुर हाल्ट को रेलवे स्टेशन का दर्जा देने की मांग

गाजीपुर (Ghazipur) के माहपुर हाल्ट को दोबारा रेलवे स्टेशन का दर्जा दिलाने के लिए अम्बेडकर आजाद पार्टी के कार्यकर्ताओं ने गांव वालों के साथ मिलकर धरना प्रदर्शन किया। वे मांग कर रहे हैं कि सवारी गाड़ियों के साथ-साथ एक्सप्रेस ट्रेनों को भी वहां रुकने दिया जाए। जब ट्रेन रोकी गई, तब औड़िहार रेलवे स्टेशन के मास्टर आरआर पटेल ने डीआरएम से बात करके लोगों को आश्वासन देकर लगभग तीन घंटे बाद प्रदर्शन खत्म कराया।

गांव वालो ने प्रदर्शन के दौरान रोकी ट्रेन

प्रदर्शन के दौरान जब रेलवे प्रशासन ने ट्रेन को निकालने की कोशिश की, तब ट्रेन के हॉर्न देने पर लोग भड़क गए और ट्रेन के सामने खड़े हो गए। गनीमत रही कि ट्रेन की गति धीमी थी, जिससे बड़ा हादसा टल गया। अम्बेडकर आजाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष रोहित कुमार बादल ने पुलिस पर धक्का-मुक्की और कपड़े फाड़ने का गंभीर आरोप लगाया है।

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रोहित ने बताया कि गांव वाले पिछले एक साल से माहपुर हाल्ट को रेलवे स्टेशन का दर्जा देने की मांग कर रहे हैं और अगर उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं, तो वे आमरण अनशन करेंगे। पुलिस प्रशासन ने असंवैधानिक तरीके से ट्रेन रोकने पर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी है। प्रदर्शनकारी यह भी बता रहे हैं कि रेलवे प्रशासन ने माहपुर स्टेशन को हाल्ट घोषित करके क्षेत्रीय जनता के साथ धोखा किया है। इस स्टेशन से जुड़े आसपास के इलाके की लगभग 50,000 जनता प्रभावित हुई है, जो अब काफी परेशान हैं।

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