Ghosi By-Election: उत्तर प्रदेश के मऊ जिले की घोसी विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है। पार्टी ने दिवंगत विधायक सुधाकर सिंह के बेटे सुजीत सिंह को टिकट दिया है। यह घोषणा सपा के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल सिंह यादव ने की, जो सुधाकर सिंह के कर्म कार्यक्रम के दौरान हुई। उपचुनाव सुधाकर सिंह के निधन के बाद खाली हुई इस सीट पर होगा।
सुधाकर सिंह का निधन और सीट खाली
सुधाकर सिंह 2023 के घोसी उपचुनाव में बीजेपी के दारा सिंह चौहान को हराकर विधायक बने थे। उनका 20 नवंबर 2025 को लखनऊ के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। संविधान के अनुसार, विधायक के निधन के 6 महीने के अंदर उपचुनाव कराना अनिवार्य है। चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी कर दी है। सुधाकर सिंह सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के करीबी थे और उनकी जीत ने पार्टी में उत्साह भरा था।
सुजीत सिंह को क्यों चुना सपा ने?
शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि सुजीत सिंह पिता की राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाएंगे। सुजीत पहले दो बार ब्लॉक प्रमुख रह चुके हैं और क्षेत्र में सक्रिय हैं। सपा का फैसला भावनात्मक अपील और स्थानीय समर्थन पर आधारित है। घोसी में यादव, मुस्लिम और OBC वोटर निर्णायक हैं। सुधाकर सिंह की सहानुभूति लहर सुजीत को फायदा देगी। अखिलेश यादव ने भी सुधाकर के कर्म सभा में सुजीत को समर्थन दिया था।
घोसी सीट का चुनावी इतिहास
2022 विधानसभा चुनाव में सपा के दारा सिंह चौहान जीते, लेकिन 2023 में बीजेपी जॉइन कर लिया। उपचुनाव में सुधाकर सिंह ने चौहान को हराया। यह सीट PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) समीकरण वाली है। सपा इसे मजबूत रखना चाहती है। बीजेपी-सुभासपा गठबंधन के लिए चुनौती है।
बीजेपी का जवाब और रणनीति
बीजेपी ने अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किया। सुभासपा नेता ओम प्रकाश राजभर घोसी से दावा कर रहे हैं। पिछले उपचुनाव में राजभर का समर्थन बीजेपी को हार मिला। अब गठबंधन समीकरण चर्चा में हैं।
उपचुनाव का महत्व
यह 2027 विधानसभा चुनाव से पहले सपा-बीजेपी के बीच टेस्ट होगा। सपा इसे सहानुभूति से जीतना चाहती है, जबकि बीजेपी PDA को तोड़ने की कोशिश करेगी। नामांकन की तारीखें नजदीक हैं।









