नोएडा अथॉरिटि के CEO के घर से मिले सोने चांदी समेत कई हीरे जवारात, आखिर कहां से आई इतनी दौलत?

बसपा सरकार के दौरान सबसे प्रभावशाली रहे नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ, रिटायर्ड आएस अधिकारी मोहिंदर सिंह और उनकी कंपनी HPPL के निदेशकों के ठिकानों पर दो दिन की छापेमारी के बाद प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को बड़ी सफलता मिली है।

IAS Officer Mohinder Singh, Mohinder Singh IAS
IAS Mohinder Singh : बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सरकार के दौरान सबसे प्रभावशाली रहे नोएडा विकास प्राधिकरण के पूर्व सीईओ, रिटायर्ड आईएएस अधिकारी मोहिंदर सिंह और उनकी कंपनी हैसिंडा प्रोजेक्ट प्राइवेट लिमिटेड (HPPL) के निदेशकों के ठिकानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दो दिन तक चली छापेमारी में बड़ी सफलता हासिल हुई है।
दो दिन में 18 स्थानों पर हुई छापेमारी

1978 बैच के आईएएस अधिकारी रहे मोहिंदर सिंह के चंडीगढ़ स्थित घर से लेकर मेरठ, नोएडा, दिल्ली, गोवा सहित कुल 18 स्थानों पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने दो दिनों तक छापेमारी की। यह छापेमारी HPPL से जुड़े निदेशकों और प्रमोटर्स के ठिकानों पर की गई, जिसमें 85 लाख रुपये नकद, 29.35 करोड़ रुपये के हीरे और सोने के आभूषण, 5.26 करोड़ रुपये का एक कीमती हीरा और 7.01 करोड़ रुपये के हीरे के आभूषण बरामद हुए। ईडी ने कुल मिलाकर 42 करोड़ 56 लाख रुपये के हीरे, आभूषण और नकदी जब्त किए हैं।

इस कार्रवाई में ईडी ने 42 करोड़ रुपये से अधिक के हीरे-जेवरात, 85 लाख रुपये नकद और कई बेनामी संपत्तियों के दस्तावेज बरामद किए हैं। मोहिंदर सिंह 2007 से 2012 के बीच बसपा सरकार के सबसे प्रभावशाली अधिकारी माने जाते थे। बसपा सरकार के दौरान उन्हें नोएडा अथॉरिटी का सीईओ नियुक्त किया गया था।
इसी समय, नोएडा अथॉरिटी ने 2010-11 में सेक्टर 107 में एक रिहायशी परियोजना के लिए जमीन आवंटित की थी। आरोप है कि मोहिंदर सिंह ने नोएडा की कीमती जमीन को केवल दस फीसदी रकम लेकर अपने करीबी लोगों को आवंटित कर दिया था। इसी सिलसिले में नोएडा के सेक्टर 107 की जमीन को लीज पर निर्मल सिंह, सुरप्रीत सिंह सूरी, और विदुर भारद्वाज के नाम पर भी आवंटित किया गया था।
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