Brijbhushan Singh News: गोंडा में छलका पूर्व सांसद बृजभूषण सिंह का दर्द: “झूठों के शहर में मैं सच बोल बैठा”

गोंडा: पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने अपने जन्मदिन पर कंबल वितरण कार्यक्रम में शायरी के जरिए दर्द बयां किया। उन्होंने कहा, "मुझे जबरन रिटायर किया गया," लेकिन जनसेवा में सक्रिय रहने का वादा किया।

Brijbhushan Singh

Brijbhushan Singh News: गोंडा के कर्नलगंज विधानसभा क्षेत्र स्थित महाकवि तुलसीदास महाविद्यालय में शनिवार को पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह के जन्मदिन पर कंबल वितरण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान पूर्व सांसद ने अपने संबोधन में दिल का दर्द साझा किया। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें जबरन रिटायर कर दिया गया, जबकि जनता ऐसा नहीं चाहती थी। शायरी के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त करते हुए बृजभूषण सिंह ने कहा, “झूठों के शहर में मैं सच बोल बैठा, वो नमक का शहर था मैं जख्म खोल बैठा।” उन्होंने कहा कि भले ही उन्हें राजनीति से अलग कर दिया गया हो, लेकिन वह सक्रिय रहकर जनसेवा में लगे हुए हैं।

कंबल वितरण कार्यक्रम 

शनिवार को आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद ने जरूरतमंदों को कंबल बांटे। उनका कहना था कि राजनीति से दूर होने के बावजूद वह लोगों के लिए समर्पित हैं। कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा, “भगवान ने जो मंजूर किया, वही हुआ। मुझे जबरन रिटायर कर दिया गया, लेकिन मैं रुकने वालों में से नहीं हूं। जनता की सेवा मेरा उद्देश्य है और मैं इसे जारी रखूंगा।”

शायरी में छलका दर्द

कैसरगंज लोकसभा सीट से पूर्व भाजपा सांसद और भारतीय कुश्ती संघ के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष Brijbhushan Singh ने अपने दिल की बात शायरी के जरिए रखी। उन्होंने कहा, “झूठों के शहर में मैं सच बोल बैठा।” यह शायरी उनके मन की पीड़ा को जाहिर करती है। साथ ही उन्होंने स्पष्ट किया कि वह राजनीति में निष्क्रिय नहीं हुए हैं। उनका कहना था कि “रिटायर होने के बाद मैंने ज्यादा सक्रिय रहने का फैसला किया है।”

पूर्व सांसद Brijbhushan Singh ने अपनी फिटनेस और दिनचर्या पर बात करते हुए बताया कि वह रोजाना डेढ़ घंटे एक्सरसाइज करते हैं। उन्होंने कहा, “मैंने ठान लिया है कि सेवा को प्राथमिकता दूंगा और समाज के हर वर्ग के साथ खड़ा रहूंगा। भगवान करें कि मुझे ऐसे सहयोगी मिलते रहें, ताकि मैं जनसेवा में लगा रहूं।”

कार्यक्रम का उद्देश्य और संदेश

कंबल वितरण कार्यक्रम के जरिए Brijbhushan Singh ने अपने राजनीतिक जीवन और सेवा भावना को दर्शाया। उनका कहना था कि जनता के साथ उनका जुड़ाव हमेशा बना रहेगा, चाहे परिस्थितियां कैसी भी हों। उनका यह दर्द और समर्पण लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा।

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