Gorakhpur–Panipat Greenfield Expressway:पूर्वी उत्तर प्रदेश और हरियाणा के बीच सफर अब पहले से कहीं ज्यादा आसान और तेज होने वाला है। गोरखपुर से पानीपत तक बनने वाले ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे को पहले चरण की मंजूरी मिल चुकी है। नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है और जमीन अधिग्रहण का काम भी तेज कर दिया गया है।
करीब 750 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे होगा। इसके बनने से न सिर्फ दूरी कम होगी, बल्कि सफर का समय भी काफी घट जाएगा। सरकार और एनएचएआई इसे क्षेत्रीय विकास के लिए एक अहम परियोजना मान रहे हैं।
एक्सप्रेसवे दो चरणों मे बनेगा
एनएचएआई ने इस एक्सप्रेसवे को दो चरणों में बनाने का फैसला किया है। पहले चरण में हरियाणा के पानीपत से लेकर उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर जिले के पुवायन तक लगभग 425 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जाएगी। इस हिस्से के लिए टेंडर जारी हो चुके हैं और जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
दूसरे चरण में पुवायन से गोरखपुर तक एक्सप्रेसवे का निर्माण किया जाएगा। इस चरण के लिए सड़क का अलाइनमेंट पहले ही तय कर लिया गया है। अधिकारियों के मुताबिक, जल्द ही इसके लिए भी टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी और जमीन अधिग्रहण का काम आगे बढ़ेगा।
यह एक्सप्रेसवे एक हजार से ज्यादा गांवों से होकर गुजरेगा। जैसे ही इसका अलाइनमेंट सामने आया है, इन इलाकों में जमीन के दाम तेजी से बढ़ने लगे हैं। स्थानीय लोग इसे रोजगार, व्यापार और विकास के नए अवसर के रूप में देख रहे हैं।
कितने लेन का होगा एक्सप्रेसवे
अधिकारियों के अनुसार, गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे 4 से 6 लेन का होगा। भविष्य में जरूरत पड़ने पर इसे 8 लेन तक चौड़ा किया जा सकता है। यह पूरी तरह ग्रीनफील्ड और एक्सेस कंट्रोल्ड एक्सप्रेसवे होगा, जिससे यात्रा सुरक्षित, तेज और बिना रुकावट के हो सकेगी। एनएचएआई का लक्ष्य है कि इस परियोजना को चार साल में पूरा कर लिया जाए।
यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश के 22 जिलों को सीधे जोड़ेगा। इसका रूट पानीपत से शुरू होकर मुजफ्फरनगर, सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, अमरोहा, संभल, बरेली, रामपुर, बदायूं होते हुए शाहजहांपुर पहुंचेगा। इसके बाद हरदोई, सीतापुर, लखनऊ, बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, संत कबीरनगर से होते हुए गोरखपुर तक जाएगा।
भारतमाला परियोजना का अहम हिस्सा
गोरखपुर-पानीपत एक्सप्रेसवे भारतमाला परियोजना का अहम हिस्सा है। भविष्य में यही कॉरिडोर गोरखपुर से कोलकाता और सिलीगुड़ी तक जोड़ा जाएगा। इसके बनने से उद्योग, कृषि, व्यापार और निवेश को नई रफ्तार मिलने की उम्मीद है। इसे उत्तर भारत के विकास का नया ग्रोथ कॉरिडोर माना जा रहा है।
