सिद्धार्थनगर। जो किताबें सरकार ने बच्चों को निशुल्क बांटने के लिए जनपद में भेजी थीं, उन किताबों को बच्चों को ना देकर अधिकारियों और कर्मचारियों ने कबाड़ में रद्दी के भाव बेच दिया। इस मामले में बांसी के खंड शिक्षा अधिकारी अखिलेश कुमार सिंह को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। 15 अक्टूबर को ही ये किताबें निःशुल्क वितरित की जानी थीं लेकिन अधिकारियों और कर्मचारियों ने ऐसा खेल खेला कि किताबें स्कूलों की जगह कबाड़ी की दुकान पर पहुंच गई।
महज 10 हजार के लिए बच्चों के भविष्य से खिलवाड़
यूपी सरकार बेसिक स्कूलों के लिए हर साल नए ड्रेस, जूतों, स्कूल बैग और किताबें मुफ्त मुहैया कराती है। किताबों को छोड़कर बाकी चीजों के लिए जो धनराशि होती है उसे सीधे अभिभावकों के खाते में ट्रांसफर किया जाता है लेकिन किताबें बांटने की जिम्मेदारी बीआरसी की होती है। नया सत्र शुरू होने के बाद यही किताबें शासन से प्राप्त हुई थीं। जिनका वजन 8 क्विंटल था। जिसे महज 10 हजार रुपए में बेच दिया गया। आरोप है कि खंड शिक्षा अधिकारी अखिलेश सिंह ने इसमें से 6 हजार रुपए लिए।
पहले भी इस मामले में हो चुकी है गिरफ्तारी
सरकारी किताबों को रद्दी में बेचने के मामले में बांसी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद बांसी बीआरसी के दो कर्मचारियों और दो कबाड़ियों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है। पहले हुई गिरफ्तारी में मिली जानकारी के बाद पुलिस ने खंड शिक्षा अधिकारी पर भी शिकंजा कसते हुए गिरफ्तार कर लिया है।