सूबे की उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार बनने के बाद जीरो टॉलरेंस की नीति को अपनाते हुए कड़े निर्देश जारी किए थे लेकिन उस आदेश का भी अधिकारी पालन नहीं कर रहे हैं। मामला सिंचाई विभाग का है, जहां पर मुख्य अभियंता स्तर-1 के अधिकारी संजय खंडूजा अपने ही साथी अभियंता से परसेंटेज की बात करते हैं। साथ ही अपने ही परसेंटेज ना देने पर उस पर कार्रवाई करने की बात करते हैं। वहीं कई अधिशासी अभियंताओं ने पत्र लिखकर के गुहार लगाई है, कि ऐसे अधिकारियों से मुझे बचाया जाए यानी कि लखनऊ परिकल्प में तैनात राजेश यादव ने कई दिन पहले ही पत्र लिखकर के मुख्य अभियंता का विरोध जताया था इसके साथ ही बस्ती जिले में तैनात राजेश कुमार गौतम में भी आरोप पत्र लिखकर के न्याय की गुहार लगाई है। साथ ही प्रतापगढ़ के एक्सईएन ने भी पत्र लिखकर के विभागाध्यक्ष से गुहार लगाई है कि ऐसे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए जिससे की मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और जल शक्ति मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह की छवि को धूमिल ना कर पाए। ऐसे में विभाग में हो रहे भ्रष्टाचार और अधिकारियों के दबाव में आकर के कोई कर्मचारी कोई गलत कदम ना उठा पाए इसको लेकर के लगातार पत्र लिखे जा रहे हैं।

वैसे तो सिंचाई विभाग हमेशा सुर्खियों में बना रहता है लेकिन यहां पर विभाग के ही अधिकारी एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं साफ तौर पर परसेंटेज को लेकर के जो चर्चाएं चल रही हैं विभाग के अंदर जिसके कारण विभाग की छवि को धूमिल किया जा रहा है वहीं अधिशासी अभियंताओं ने पत्र में साफ तौर पर लिखा है कि मुख्य अभियंता संजय खंडूजा मानसिक रूप से प्रताड़ित करते हैं जिसके कारण काम होने में भी देरी होती है वही कुछ अधिशासी अभियंता ने बताया कि हम लोग कई महीनों से इसकी शिकायत प्रमुख सचिव जल शक्ति मंत्री एवं मुख्यमंत्री के यहां कर चुके हैं लेकिन अभी तक मुख्य अभियंता पर कार्रवाई नहीं हुई है जिसके कारण आए दिन मुख्य अभियंता द्वारा चिट्ठी लिखी जाती है और प्रताड़ित किया जाता है..