History of Gulab Bari,अवध की ऐतिहासिक राजधानी रह चुके फैजाबाद में स्थित गुलाब बाड़ी एक बार फिर अपनी पुरानी रौनक हासिल करने जा रही है। योगी सरकार ने इसे हेरिटेज पार्क के रूप में विकसित करने की योजना बनाई है। इसके लिए 2 करोड़ 97 लाख रुपये की मंजूरी दी गई है, जिससे इस ऐतिहासिक स्थल का सौंदर्यीकरण और संरक्षण किया जाएगा।
गुलाब बाड़ी का ऐतिहासिक महत्व
गुलाब बाड़ी सिर्फ एक सुंदर बाग नहीं, बल्कि यह अवध के तीसरे नवाब शुजाउद्दौला का मकबरा भी है। इसे 1753 से 1775 के बीच नवाब ने अपने जीवनकाल में ही बनवा लिया था। यहां शुजाउद्दौला के अलावा उनके पिता सफदरजंग और माता की भी कब्रें हैं। इतिहासकारों के अनुसार, पहले सफदरजंग को यहीं दफनाया गया था, लेकिन बाद में उनके अवशेष दिल्ली भेज दिए गए, जहां अब सफदरजंग का मकबरा स्थित है।
जब राजधानी लखनऊ शिफ्ट हुई
नवाब शुजाउद्दौला के निधन के बाद उनके बेटे आसफुद्दौला ने अवध की राजधानी फैजाबाद से लखनऊ स्थानांतरित कर दी। इसके बाद लखनऊ नवाबी शासन और संस्कृति का केंद्र बन गया। अंतिम नवाब वाजिद अली शाह के शासनकाल तक नवाबी शान-ओ-शौकत बनी रही, लेकिन 1857 की क्रांति के दौरान अंग्रेजों ने नवाबी शासन को पूरी तरह समाप्त कर दिया।
शुजाउद्दौला के दौर की अन्य धरोहरें
नवाब शुजाउद्दौला के शासनकाल को फैजाबाद का स्वर्णिम युग माना जाता है। उन्होंने कई शानदार इमारतों का निर्माण करवाया, जिनमें दिलकुशा पैलेस, बहू बेगम का मकबरा और मोती महल प्रमुख हैं। इसके अलावा चौक इलाके में स्थित विशाल मेहराबों वाले गेट आज भी नवाबी दौर की भव्यता की याद दिलाते हैं। अंग्रेज अधिकारी भी अवध के नवाबों की शानो-शौकत देखकर हैरान रह जाते थे।
गुलाब बाड़ी की खास पहचान
गुलाब बाड़ी को इसका नाम यहां की खूबसूरत गुलाबों की क्यारियों की वजह से मिला। यहां लाल, गुलाबी, पीले और सफेद गुलाब खिलते हैं, जो इस जगह की सुंदरता में चार चांद लगाते हैं। जब गुलाब पूरे खिले होते हैं, तो उनकी भीनी-भीनी खुशबू पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है।
अशोक स्तंभ से सजी ऐतिहासिक धरोहर
गुलाब बाड़ी के प्रवेश द्वार पर एक विशालकाय अशोक स्तंभ लगा हुआ है, जो इसे भारत के अन्य मकबरों से अलग बनाता है। यह देश का इकलौता मकबरा है, जहां भारत सरकार ने अशोक स्तंभ स्थापित किया है।
संरक्षण से जुड़े प्रयास और नई उम्मीदें
पिछले कुछ वर्षों में रखरखाव की कमी के चलते गुलाब बाड़ी की स्थिति काफी खराब हो गई थी। हालांकि, अब सरकार ने इसे पर्यटन विकास योजना के तहत संरक्षित करने का निर्णय लिया है। इसे हेरिटेज पार्क में बदलने की इस योजना से इस ऐतिहासिक स्थल को नई पहचान मिलेगी। साथ ही, इससे अयोध्या-फैजाबाद आने वाले पर्यटकों को एक और आकर्षक जगह घूमने का मौका मिलेगा। यहां की गुलाब की क्यारियां, अशोक स्तंभ और नवाबी दौर की भव्यता इसे खास बनाती हैं। अब इसके संरक्षण के प्रयासों से इसे एक नई पहचान मिलने की उम्मीद है।