Lashkar financier killed: ईद के दिन कराची में गूंजीं गोलियां! हाफिज सईद के खास का काम तमाम, लश्कर को फंडिंग करने वाला ढेर

ईद पर कराची में गोलियों की गूंज! हाफिज सईद के करीबी कारी अब्दुल रहमान को अज्ञात हमलावरों ने मौत के घाट उतार दिया। लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंडिंग करने वाला यह आतंकी मौके पर ढेर हो गया, जबकि उसका पिता गंभीर रूप से घायल है।

Lashkar financier

Lashkar financier killed: ईद की खुशियों के बीच कराची में गोलियों की आवाज़ गूंज उठी, जब हाफिज सईद के करीबी Lashkar financier कारी अब्दुल रहमान को अज्ञात हमलावरों ने मौत के घाट उतार दिया। अब्दुल रहमान लश्कर-ए-तैयबा के लिए फंड जुटाने वाला प्रमुख Lashkar financier था, जो कराची से इकट्ठा किया गया पैसा सीधे आतंकी संगठन तक पहुंचाता था। हमले के वक्त वो अपने पिता और अन्य लोगों के साथ मौजूद था। इस हमले में उसके पिता समेत तीन लोग गंभीर रूप से घायल हुए, लेकिन रहमान मौके पर ही दम तोड़ गया। पाकिस्तान में हाल के दिनों में एक के बाद एक आतंकियों की रहस्यमयी हत्याएं हो रही हैं, जिससे आतंकी संगठनों में हड़कंप मचा हुआ है।

लश्कर का अहम फाइनेंसर था अब्दुल रहमान

बताया जा रहा है कि Lashkar financier कारी अब्दुल रहमान अहल-ए-सुन्नत वाल जमात का स्थानीय नेता था और लश्कर के लिए कराची में फंड उगाही का बड़ा नेटवर्क चलाता था। उसके एजेंट पूरे इलाके से फंड इकट्ठा करके उसे सौंपते थे, जिसे वह सीधे लश्कर-ए-तैयबा चीफ हाफिज सईद तक पहुंचाता था। रहमान की हत्या ऐसे समय में हुई है, जब पाकिस्तान में कई आतंकियों का सफाया किया जा रहा है, जिससे यह आशंका भी जताई जा रही है कि आतंकी संगठनों के अंदरूनी मतभेद इस तरह की हत्याओं का कारण हो सकते हैं।

पाकिस्तान में बढ़ रही टारगेट किलिंग

पाकिस्तान बीते कुछ सालों से आतंकी हमलों और टारगेट किलिंग की घटनाओं से त्रस्त है। एक ओर बलूचिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) पाकिस्तानी सेना को निशाना बना रहे हैं, तो दूसरी ओर आतंकियों के सफाए की घटनाएं भी बढ़ती जा रही हैं। कराची में अब्दुल रहमान की हत्या के बाद स्थानीय पुलिस और खुफिया एजेंसियां जांच में जुट गई हैं, लेकिन अब तक हत्यारों का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।

पहले भी मारे जा चुके हैं लश्कर के कई आतंकी

यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में किसी बड़े आतंकी का सफाया हुआ है। हाल ही में पंजाब प्रांत के झेलम में लश्कर-ए-तैयबा के शीर्ष कमांडर जिया-उर-रहमान उर्फ नदीम उर्फ कतल सिंधी की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। उसे जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों के लिए जाना जाता था। वहीं, क्वेटा में कुछ दिन पहले जमीयत-उलेमा-ए-इस्लाम के मुफ्ती अब्दुल बाकी नूरजई को भी अज्ञात हमलावरों ने गोली मार दी थी। पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग लंबे समय से की जा रही है, लेकिन आतंकियों की हत्याएं किसी बड़े गैंगवार की ओर भी इशारा कर रही हैं।

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