Hathras News : हाथरस में जुलाई 2024 में हुए सत्संग भगदड़ मामले में, जिसमें 121 लोगों की जान गई थी, पुलिस ने 3200 पेज की चार्जशीट दाखिल की है। इस चार्जशीट में 11 लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें कार्यक्रम के आयोजक देव प्रकाश मधुकर और अन्य लोग शामिल हैं। हालांकि, जिस सत्संग का आयोजन करने वाले नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा थे, उनका नाम चार्जशीट में नहीं है। कार्यक्रम के लिए 80,000 लोगों की अनुमति थी, लेकिन वहां 2.5 लाख से ज्यादा लोग पहुंच गए थे, जिसके कारण भगदड़ मच गई थी।
लोग उठा रहे सवाल
इस घटना ने राजनीतिक विवाद भी खड़ा कर दिया, क्योंकि कई लोग सवाल उठा रहे हैं कि इतने बड़े आयोजन में सुरक्षा प्रबंधों की कमी के बावजूद भोले बाबा को चार्जशीट में क्यों नहीं शामिल किया गया.
उम्मीद थी कि जांच में भोले बाबा की भूमिका पर सवाल उठाए जाएंगे, लेकिन चार्जशीट से यह साफ हो गया कि पुलिस ने उन्हें इन घटनाओं से अलग रखा है। पुलिस की ओर से जिन 11 लोगों को जिम्मेदार ठहराया गया है, उन पर कानूनी कार्रवाई की तैयारी हो रही है।
यह चार्जशीट गहन जांच के बाद तैयार की गई है और इसमें घटनाओं से जुड़े कई नए सबूतों और गवाहों के बयान भी शामिल किए गए हैं। हालांकि, भोले बाबा का नाम न होने से कई लोग हैरान हैं और इस पर बहस छिड़ गई है कि आखिरकार उन्हें इस मामले से कैसे बरी किया गया। इस चार्जशीट के बाद मामले में कानूनी लड़ाई और भी तेज हो सकती है, क्योंकि कई पक्ष अब इसे चुनौती देने की तैयारी में हैं।
मायावती ने लगाया आरोप
बता दें, कि बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने आरोप लगाया है कि हाथरस में मारे गए 121 बेगुनाहों के मामले में राज्य सरकार में आरोपी सुरजपाल उर्फ नारायण सरकार उर्फ भोले बाबा को संरक्षण दे रही है। उसे बचा रही है। पुलिस चार्जशीट में बाबा को क्लीन चिट है और दूसरे सेवादारों को आरोपी बनाकर लीपापोती कर दी गई। मायावती ने इस मामले में राज्य सरकार की आलोचना करते हुए कई सवाल खड़े किए हैं.