लखनऊ की कमिश्नरेट पुलिस की सेंट्रल डीसीपी अपर्णा रजत कौशिक के लिए बड़ी चुनौती थी। रहीम नगर के पास मिली डेड बॉडी की शिनाख्त कर, उसके हत्या के आरोपियों को पकड़कर जेल के सलाखों के पीछे भेजा जाए। उसे बड़ी चुनौती यह थी कि आरोपी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था। जब भी उसे जरूरत होती थी आसपास के लोगों का मोबाइल फोन मांग कर उससे फोन कॉल कर लेता था।
पोस्टमार्टम से खुला मौत का राज
महानगर पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद युवक की पहचान सिद्धार्थ मिश्रा के रूप में की थी। पुलिस ने डेड बॉडी का पोस्टमार्टम कराया तब पता चला कि सिद्धार्थ मिश्रा की हत्या पत्थर से की गई थी। इतना ही नहीं सिद्धार्थ मिश्रा के प्राइवेट पार्ट को भी डैमेज किया गया था। पुलिस ने पूरे मामले की पड़ताल करने के बाद आरोपी अनुपम तिवारी को गिरफ्तार किया।
शक के कारण ली जान
अनुपम तिवारी महज 23 साल का है। उसको शक था कि उसकी मां के साथ सिद्धार्थ मिश्रा के अवैध संबंध है। इसी के चलते सिद्धार्थ मिश्रा से दोस्ती बनाई और जमकर शराब पिलाकर घुमाने के बहाने रहीम नगर के किनारे ले गया नशे की हालत में सिद्धार्थ मिश्रा पर हमला कर दिया और उसे मौत के घाट उतार दिया मौत के घाट उतारने में उसने पत्थर और चाकू का इस्तेमाल किया था।
नहीं करता था मोबाइल का इस्तेमाल
सूत्रों के मुताबिक अनुपम तिवारी मोबाइल फोन का इस्तेमाल नहीं करता था। इस कारण पुलिस को अनुपम तिवारी को गिरफ्तार करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। हैरानी वाली बात यह है कि बिना मोबाइल फोन के आज के आधुनिक जमाने में भी अनुपम तिवारी इस तरीके की घटना को अंजाम दे चुका है। इसके साथ-साथ यह भी जानकारी मिली है कि अनुपम तिवारी की दो महिला मित्र भी थी। जिनसे वह लोगों के मोबाइल फोन मांग कर घंटों बात किया करता था और इसके लिए भी वह दूसरों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था। आज महानगर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।