Shamli News: गुजरात एटीएस ने एक बड़े राष्ट्रविरोधी नेटवर्क का खुलासा करते हुए यूपी के शामली/झिंझाना से आजाद शेख और लखीमपुर खीरी से सुहैल को गिरफ्तार किया है। पूछताछ में सामने आया कि पाकिस्तान-समर्थित आतंकी हैंडलर हथियार सप्लाई के लिए “हाइवे किनारे” नामक कोडवर्ड का इस्तेमाल कर रहे थे। यह कोडवर्ड राजस्थान के हनुमानगढ़ से लेकर अहमदाबाद तक हथियारों की डिलीवरी के लिए उपयोग किया जा रहा था।
आईएसआई के हैंडलर अबू खदीजा और अबू आल्हा ने इंटरसेप्शन से बचने के लिए टेलीग्राम कॉल पर इस कोड भाषा को संचालित किया। जांच में यह भी पता चला है कि ‘टील’ नामक टेलीग्राम ग्रुप आतंकियों की “नई पाठशाला” बन गया था, जिसमें 200 से अधिक संदिग्ध सदस्य सक्रिय थे और अब एटीएस की रडार पर हैं।
टेलीग्राम ग्रुप आतंकी नेटवर्क की नई पाठशाला
जांच एजेंसियों को पता चला है कि अबू खदीजा और अबू आल्हा ने ‘टील’ नाम से एक टेलीग्राम ग्रुप बनाया था, जो इस नेटवर्क की गतिविधियों का केंद्र था। इस ग्रुप में खुले तौर पर हथियारों की तस्वीरें, सप्लाई लोकेशन, भारत में हमले से जुड़े निर्देश और देशविरोधी योजनाओं पर चर्चा होती थी। इस ग्रुप में करीब 200 से अधिक सदस्य सक्रिय थे, जिनमें से अधिकांश अब सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर हैं। यह समूह आतंकियों के लिए एक वर्चुअल प्रशिक्षण केंद्र की तरह काम कर रहा था।
हाथों-हाथ हथियारों का नेटवर्क और कोडिंग
खुलासे के अनुसार, Shamli आतंकी हैंडलरों ने सुरक्षा एजेंसियों को भ्रमित करने के लिए एक सटीक लॉजिस्टिक चेन तैयार की थी। वे ‘हाइवे किनारे’ कोड का इस्तेमाल डिलीवरी लोकेशन के लिए करते थे, ताकि एजेंसियों को लगे कि यह कोई सामान्य बातचीत है। यह कोड इतना प्रभावी था कि हनुमानगढ़ से हथियार उठाने के स्थान को भी इसी वाक्यांश से चिह्नित किया गया था। गिरफ्तार आरोपी आजाद शेख ने कबूल किया कि उससे भी इसी कोड का इस्तेमाल कर संपर्क किया जाता था।
नशे के रास्ते हथियारों की तस्करी की प्लानिंग
Shamli आरोपियों से पूछताछ में एक और बड़ा खुलासा हुआ है: यह आतंकी नेटवर्क राजस्थान, हरियाणा और दिल्ली के उन सुरक्षित मार्गों का इस्तेमाल करने की फिराक में था, जो वर्तमान में नशे की तस्करी के लिए उपयोग होते हैं। इस प्लानिंग का उद्देश्य हथियारों को बड़े पैमाने पर इंटर-स्टेट नेटवर्क के ज़रिए आगे पहुंचाना था। एटीएस इसे एक बड़े अंतर-राज्यीय नेटवर्क की ओर इशारा मान रही है।
मुख्य आरोपी जल्द गिरफ्त में
गुजरात एटीएस के डीएसपी हर्ष कुमार ने पुष्टि की है कि आतंकियों द्वारा इस्तेमाल किए गए हाइवे किनारे कोड और टेलीग्राम ग्रुप से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी हाथ लगी है। उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि नशे के रास्ते हथियार पहुंचाने की प्लानिंग को आरोपियों ने कबूल किया है। जांच तेज़ी से चल रही है, और अन्य आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
पूरा मामला 9 नवंबर को शुरू हुआ, जब गुजरात एटीएस ने झिंझाना के आजाद शेख, लखीमपुर खीरी के सुहेल, और अहमदाबाद के अहमद मोइय्यूद्दीन को राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने पर गिरफ्तार किया था। उनके पास से एक कार, एक पिस्टल, तीन कारतूस और चार लीटर कैस्टल ऑयल (जो विष बनाने का कच्चा रसायन है) बरामद किया गया था।
