Utter Pradesh: क्यों यूपी के इन ज़िलों में शहर के बाहर शिफ्ट किए जा रहे हैं बस अड्डे, क्या जाम से राहत के लिए हो रहा है ये काम

मेरठ में जाम की समस्या हल करने के लिए भैंसाली बस अड्डे को शहर के बाहर भूड़बराल और मोदीपुरम में शिफ्ट किया जा रहा है। ज़मीन अधिग्रहण लगभग पूरा हो चुका है। रोज़ाना आने वाली 400 से बसों को बाहर रोका जाएगा

Utter Pradesh: मेरठ शहर में ट्रैफिक की समस्या को हल करने के लिए बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। शहर के अंदर बसों की भीड़ कम करने के लिए भैंसाली रोडवेज बस अड्डे को शहर के बाहर भूड़बराल और मोदीपुरम में शिफ्ट किया जा रहा है। इस काम के लिए ज़मीन का अधिग्रहण किया जा रहा है, और यह प्रक्रिया अब लगभग पूरी हो चुकी है।

शहर में 400 से ज्यादा बसें नहीं घुसेंगी

मेरठ की महायोजना 2021 के तहत तय किया गया था कि शहर के अंदर चलने वाले निजी और रोडवेज बस अड्डों को बाहर शिफ्ट किया जाएगा। इस योजना का मकसद जाम से राहत दिलाना है। हर दिन मेरठ में 400 से ज्यादा बसें दूसरे ज़िलों और राज्यों से आती हैं, जिससे ट्रैफिक बढ़ जाता है। अब इन बसों को बाहर ही रोक दिया जाएगा, ताकि शहर के अंदर भीड़ कम हो।पहले चरण में भैंसाली बस अड्डे को भूड़बराल और मोदीपुरम में शिफ्ट किया जा रहा है।

कितनी ज़मीन ली जा रही है

इस योजना के तहत चार गांवों की 39,930 वर्ग मीटर ज़मीन अधिग्रहित की जा रही है।

भूड़बराल बस अड्डा,28,082 वर्ग मीटर

मोदीपुरम बस अड्डा,11,848 वर्ग मीटर

भूड़बराल बस अड्डे के लिए भूड़बराल गांव की 9 ज़मीनों (खसरों) को अधिग्रहित किया जा रहा है। मोदीपुरम बस अड्डे के लिए सिवाया, पल्हैड़ा और दुल्हैड़ा गांव की 13 ज़मीनों का अधिग्रहण होगा।

एनसीआरटीसी उठा रही है खर्च

इस ज़मीन अधिग्रहण का पूरा खर्च एनसीआरटीसी उठा रही है, जो मेरठ में रैपिड रेल (मेट्रो) का निर्माण भी कर रही है। सभी कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रशासन ने संयुक्त माप-जोख (ज्वाइंट मेजरमेंट सर्वे) कराया था। अब इस रिपोर्ट की जांच हो रही है।

अगले एक हफ्ते में इस पर अंतिम फैसला लिया जाएगा और ज़मीन मालिकों को उनका भुगतान भी कर दिया जाएगा। ज़मीन का कब्ज़ा लेकर इसे एनसीआरटीसी को सौंप दिया जाएगा, ताकि वहां नया बस अड्डा बनाया जा सके।

जिलाधिकारी का बयान

मेरठ के जिलाधिकारी, डॉ. विजय कुमार सिंह ने कहा कि शहर को जाम से बचाने के लिए बस अड्डों को बाहर करना जरूरी है। भैंसाली बस अड्डे के लिए ज़मीन जल्द ही मिल जाएगी। इसके अलावा, अन्य बस अड्डों को बाहर शिफ्ट करने के लिए भी योजना बनाई जा रही है।

जाम से मिलेगी राहत

अगर यह योजना सफल होती है, तो मेरठ में रोज़ाना लगने वाले जाम से लोगों को राहत मिलेगी। जो बसें शहर में बेवजह ट्रैफिक बढ़ाती थीं, वे अब बाहरी बस अड्डों तक ही सीमित रहेंगी। लोगों को जल्दी और आरामदायक सफर का फायदा मिलेगा।

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