Indresh Maharaj Apology: प्रसिद्ध भागवत कथावाचक इंद्रेश उपाध्याय महाराज हाल ही में अपने एक चार साल पुराने विवादित वीडियो के कारण चर्चा में आ गए, जिसमें उन्होंने यादव समुदाय के भगवान श्रीकृष्ण के वंशज होने पर सवाल उठाए थे। इस वीडियो के सोशल मीडिया पर दोबारा वायरल होने के बाद यादव समाज में भारी रोष फैल गया और मथुरा समेत कई जगहों पर उनके खिलाफ प्रदर्शन की चेतावनी दी गई।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इंद्रेश महाराज ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपने शब्दों के लिए विनम्रतापूर्वक माफी मांगी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य किसी की धार्मिक या सामाजिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं था और वे सभी को ‘ठाकुर जी’ का ही अंश मानते हैं। उन्होंने आपसी भाईचारे को बनाए रखने पर जोर दिया।
इंद्रेश उपाध्याय ने यादव समाज के प्रति दिए गए अपने बयान को लेकर क्षमा याचना कर ली है।
उसने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी यादव के नाजायज व्यक्ति ने उसे ऐसा वक्तव्य देने के लिए उकसाया था।
इस प्रकार के शब्दों का प्रयोग करने से पूर्व इंद्रेश को यह स्मरण रखना चाहिए कि कथावाचक वही… pic.twitter.com/MjQLdCty8m— Einstein Yadav (@GYdv28) December 24, 2025
विवाद की जड़ और महाराज की सफाई
वायरल वीडियो में Indresh Maharaj यह कहते सुनाई दे रहे थे कि यदुवंश का नाश भगवान कृष्ण के वैकुंठ गमन से पहले ही हो गया था, इसलिए वर्तमान यादव समाज उनका वंशज नहीं हो सकता। इस तर्क को यादव समाज के प्रतिनिधियों ने सिरे से खारिज करते हुए इसे इतिहास और आस्था के साथ खिलवाड़ बताया। यादव महासभा के जिला अध्यक्ष संजय यादव ने इस पर कड़ी आपत्ति जताते हुए सार्वजनिक माफी की मांग की थी।
अपनी सफाई में Indresh Maharaj ने कहा कि यह वीडियो लगभग 4-5 साल पुराना है। उन्होंने बताया कि उस समय एक राजघराने के व्यक्ति द्वारा बताए गए प्रसंग को उन्होंने कथा में साझा किया था। महाराज ने कहा, “मेरे कई मित्र और परिचित यादव समाज से हैं। हम प्रेम भाव से कथा करते हैं और किसी विवाद में नहीं पड़ना चाहते। समाज में कुछ अराजक तत्व पुराने वीडियो को काटकर आपसी फूट डालने की कोशिश कर रहे हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि वे पूर्व की अन्य कथाओं में इस विषय पर स्पष्टीकरण दे चुके हैं, लेकिन वह हिस्सा लोगों के सामने नहीं आ पाया।
शांति की अपील
इंद्रेश महाराज ने हाथ जोड़कर माफी मांगते हुए कहा कि हम सभी ईश्वर की संतान हैं और हमें आपस में नहीं लड़ना चाहिए। इस माफीनामे के बाद यादव समाज के कुछ गुटों ने संतोष व्यक्त किया है, हालांकि समाज के प्रबुद्ध वर्ग ने भविष्य में ऐसे संवेदनशील विषयों पर सावधानी बरतने की सलाह दी है। यह घटना दर्शाती है कि डिजिटल युग में वर्षों पुराने बयान भी सामाजिक सद्भाव के लिए चुनौती बन सकते हैं।
