IPS Mohsin Khan: अय्याश IPS की शिकार IIT की छात्रा, लगा रेप का आरोप जानिए मामला

उत्तर प्रदेश के कानपुर में आईपीएस मोहसिन खान पर आईआईटी की पीएचडी छात्रा से रेप का आरोप लगा है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और आरोपी एसीपी को उनके पद से हटा दिया है, साथ ही FIR दर्ज की गई है।

IPS Mohsin Khan

IPS Mohsin Khan: उत्तर प्रदेश के कानपुर में आईपीएस अधिकारी मोहसिन खान पर आईआईटी कानपुर की एक पीएचडी छात्रा ने रेप का आरोप लगाया है। आरोपी मोहसिन खान, जो वर्तमान में साइबर क्राइम विभाग में एसीपी के पद पर तैनात थे, पर आरोप है कि उन्होंने छात्रा को प्रेम जाल में फंसा कर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया। मामले में महिला डीएसपी और एसीपी की टीम ने मोहसिन खान से दो घंटे तक पूछताछ की। इसके बाद आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उन्हें उनके पद से हटा दिया गया और एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया गया। इस मामले की जांच के लिए स्पेशल इंवेस्टीगेटिव टीम (SIT) का गठन भी किया गया है।

कैसे हुआ मामला?

जानकारी के अनुसार, IPS Mohsin Khan ने आईआईटी कानपुर में साइबर क्राइम और क्रिमिनोलॉजी की पढ़ाई करते हुए पीएचडी की छात्रा से मुलाकात की थी। आरोप है कि मोहसिन ने अपनी शादी की जानकारी छिपाकर छात्रा को प्रेम जाल में फंसाया और फिर उसके साथ यौन उत्पीड़न किया। छात्रा की शिकायत पर कल्याणपुर थाने में आईपीएस अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इसके बाद पुलिस ने मामले की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए एसीपी से दो घंटे तक पूछताछ की और अंततः एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया।

IPS Mohsin Khan का करियर

IPS Mohsin Khan ने 1 जुलाई 2015 को यूपी पुलिस सेवा जॉइन की थी और उन्होंने पुलिस सेवा में अपनी शुरुआत की। वह कानपुर में 12 दिसंबर 2023 से तैनात थे। इससे पहले वह आगरा और अलीगढ़ में पोस्टेड रहे थे, जहां उन्होंने साइबर क्राइम से जुड़े मामलों को संभाला था। मोहसिन खान की पहचान साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूकता फैलाने के रूप में भी रही है। वह अक्सर कार्यक्रमों में साइबर क्राइम और सुरक्षा को लेकर लोगों को जागरूक करते नजर आते थे।

पुलिस प्रशासन की प्रतिक्रिया

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए तत्काल कार्रवाई की और जांच में अधिकारी को उनके पद से हटा दिया। विशेष जांच दल (SIT) के गठन के बाद अब यह मामला जांच के तहत है और आरोपों की सत्यता को स्पष्ट करने की कोशिश की जा रही है। पुलिस प्रशासन का कहना है कि इस मामले में निष्पक्ष जांच की जाएगी और दोषी को कड़ी सजा दिलवाने का प्रयास किया जाएगा।

यह घटना एक बार फिर से यह सवाल उठाती है कि क्या उच्च पदों पर बैठे लोग अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर सकते हैं और समाज में महिलाओं के खिलाफ अपराधों को बढ़ावा दे रहे हैं?

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