जबरदस्दती मजदूरी से किया मना तो की क्रूरता, दलित युवक के काटे बाल, क्रूरता की हदें पार

उत्तर प्रदेश के झांसी में एक युवक को गांव के दबंगों ने बेगारी करने से मना करने की कीमत चुकानी पड़ी। इस बर्बरता का शिकार बने युवक के साथ न केवल मारपीट की गई, बल्कि उसे पेड़ से उल्टा लटका कर उसके बाल भी काटे गए।

Jhansi

Jhansi: उत्तर प्रदेश के झांसी में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जो दलित समुदाय के प्रति अत्याचार की हदें पार करती है। एक युवक ने गांव के दबंगों के यहां मजदूरी से इनकार किया, और इसके बाद उसे इसका खामियाजा क्रूरता से भुगतना पड़ा। दबंगों ने युवक के साथ मारपीट की, उसे पेड़ से उल्टा लटकाकर उसके सिर के बाल काट दिए। इसके बाद, उसका जुलूस पूरे गांव में घुमाया गया ताकि उसे खुलेआम अपमानित किया जा सके।

यह घटना सोशल मीडिया पर वायरल हो गई, जिससे जनता में आक्रोश बढ़ गया है। वीडियो में बर्बरता की स्पष्ट झलक दिखती है, जहां एक गरीब मजदूर की असहमति को बगावत मानकर उसे ऐसी “सजा-ए-ऐलान” दी गई। ग्रामीणों का कहना है कि इस युवक की गलती सिर्फ इतनी थी कि उसने दबंगों के सामने झुकने से मना किया। यह घटना समाज में व्याप्त असमानता और दलितों के खिलाफ अत्याचार को बयां करती है।

घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है, जिससे लोगों के बीच आक्रोश फैल गया है। बताया जा रहा है कि युवक ने अपने गांव के दबंगों को जानवरों को भूसा-पानी देने से मना कर दिया था, जिसके बाद उन लोगों ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। इस घटना की सूचना मिलने पर ग्रामीणों में गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने इस कृत्य की निंदा की।

वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि दबंग युवक को पेड़ से लटकाए हुए हैं, और उसके बाल काट रहे हैं। इसके अलावा, युवक को गांव में जुलूस के रूप में घुमाया गया, जिससे उसकी गरिमा को ठेस पहुंची। इस प्रकार की बर्बरता न केवल कानून के खिलाफ है, बल्कि यह समाज में भय और असुरक्षा का माहौल भी बनाती है।

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इस घटना की शिकायत Jhansi पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है, और अब लोगों को उम्मीद है कि प्रशासन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगा। हालांकि, Jhansi प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार किया जा रहा है, क्योंकि ऐसे मामलों में अक्सर न्याय की प्रक्रिया में देरी होती है।

समाज के विभिन्न वर्गों ने इस मामले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। कई लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है और प्रशासन से कार्रवाई की मांग की है। इसे लेकर नागरिक संगठनों ने भी पुलिस से अपील की है कि वे इस बर्बरता की गंभीरता को समझें और दोषियों को सजा दिलाने में कोई कसर न छोड़ें।

यह घटना एक बार फिर यह सवाल उठाती है कि क्या कानून का पालन वास्तव में सुनिश्चित किया जा रहा है, या फिर दबंगों के आगे सब बेबस हैं। समाज को मिलकर इस प्रकार की बर्बरता के खिलाफ खड़ा होना होगा, ताकि भविष्य में किसी को ऐसी स्थिति का सामना न करना पड़े।

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