Jhansi News: मोंठ थाना क्षेत्र से मानवता को शर्मसार कर देने वाली घटना सामने आई है। यहां एक प्राइवेट बैंक ने लोन की किश्त न भर पाने पर महिला को जबरन 5 घंटे तक ऑफिस में बैठा कर रखा और पति से कहा, “किश्त भरो, पत्नी ले जाओ!” पीड़िता पूजा वर्मा के पति ने 112 पर सूचना दी, तब जाकर पुलिस पहुंची और महिला को मुक्त कराया। मामला सिर्फ बंधक बनाने का ही नहीं, बल्कि किश्तों की रकम हड़पने का भी है। महिला ने आरोप लगाया कि एजेंटों ने उसकी तीन किश्तें गबन कर लीं। अब पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है और बैंक कर्मियों से पूछताछ की जा रही है।
जबरन बैंक में बैठाकर रखा गया
यह घटना ग्राम बम्हरौली के आजाद नगर मोहल्ले स्थित एक प्राइवेट माइक्रोफाइनेंस बैंक की है। बाबई रोड, पूंछ निवासी रविंद्र वर्मा की पत्नी पूजा वर्मा ने ₹40,000 का लोन लिया था, जिसकी मासिक किश्त ₹2,120 थी। पूजा के अनुसार, उसने 11 किश्तें जमा की हैं, जबकि बैंक सिर्फ 8 किश्तें दिखा रहा है। महिला का आरोप है कि बैंक एजेंट कौशल और धर्मेंद्र ने तीन किश्तों की रकम हड़प ली।
सोमवार दोपहर को बैंक का सी.ओ. संजय यादव, जो मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ का निवासी है, पूजा के घर पहुंचा और बकाया रकम जमा करने का दबाव बनाया। जब पति-पत्नी ने असमर्थता जताई, तो दोनों को जबरन बैंक लाया गया और महिला को ऑफिस में बैठा दिया गया। पति ने कई बार कर्मचारियों से मिन्नतें कीं, लेकिन सभी ने साफ कह दिया, “जब तक पैसा नहीं दोगे, पत्नी को नहीं ले जा सकते।”
पुलिस पहुंची तो खुले बैंक कर्मियों के होश
थक-हारकर पति ने डायल 112 पर कॉल कर Jhansi पुलिस से मदद मांगी। पीआरवी टीम के पहुंचते ही बैंक कर्मियों के होश उड़ गए और उन्होंने तुरंत पूजा को बाहर निकाल दिया। पुलिस दोनों पक्षों को मोंठ कोतवाली ले गई, जहां महिला ने लिखित शिकायत देकर पूरा मामला दर्ज करवाया।
पूजा वर्मा ने Jhansi पुलिस को बताया कि बैंक के एजेंटों ने उसकी किश्त की रकम जमा नहीं की और अब उस पर झूठा बकाया दिखाकर मानसिक प्रताड़ना दी जा रही है। वहीं बैंक मैनेजर अनुज कुमार (निवासी: कानपुर देहात) ने सफाई दी कि महिला 7 महीने से किश्त नहीं जमा कर रही थी और स्वेच्छा से बैंक आई थी, उसे रोका नहीं गया।
जांच के घेरे में बैंक एजेंट
इस पूरे मामले के बाद Jhansi पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सबसे अहम सवाल यही है कि महिला की जमा की गई किश्तें बैंक रिकॉर्ड में क्यों नहीं दिख रही हैं। क्या सचमुच एजेंटों ने रकम गबन की? अगर ऐसा है, तो यह केवल बंधक बनाने का ही नहीं, बल्कि वित्तीय धोखाधड़ी का मामला भी बनता है।
पुलिस का कहना है कि महिला, उसके पति और बैंक के सभी संबंधित कर्मचारियों से पूछताछ की जा रही है। महिला द्वारा लगाए गए आरोपों की सत्यता की पुष्टि के लिए बैंक के रिकॉर्ड और एजेंटों की भूमिका की बारीकी से जांच की जाएगी। अगर आरोप साबित होते हैं, तो IPC की कई धाराओं में मामला दर्ज हो सकता है।