Rivers Cleanliness Efforts: किसने कहा अविरल और निर्मल नदियों के लिए जागरूकता ज़रूरी,सबको मिलकर काम करना होगा

रामाशीष ने कहा कि भारत में नदियों को बचाने के लिए सरकार और जनता दोनों को मिलकर काम करना चाहिए। ब्रिटेन से सीख लेकर जागरूकता बढ़ानी होगी और सफाई अभियान चलाना होगा।

Jounpur news: भारत में नदियों को माता कहा जाता है, लेकिन इसके बावजूद नदियों की सफाई और उन्हें अविरल बनाए रखने के लिए अभी बहुत काम बाकी है। दूसरी तरफ ब्रिटेन जैसे देश में नदियों को माता नहीं माना जाता, फिर भी वहां की सरकार और जनता ने मिलकर नदियों की सफाई कर उन्हें फिर से जीवित कर दिया। रविवार को जौनपुर पहुंचे गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष ने कहा कि भारत में नदियों की अविरलता और निर्मलता के लिए सरकार और जनता दोनों को साथ आना होगा।

बैठक का आयोजन और उद्देश्य

जौनपुर जिले में गंगा समग्र काशी प्रांत की एक महत्वपूर्ण बैठक रविवार को एक कॉलेज में हुई। इसमें गंगा समग्र के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामाशीष और क्षेत्र संगठन मंत्री संजय मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। बैठक में उन्होंने बताया कि गंगा समग्र का मुख्य उद्देश्य ‘अविरल गंगा, निर्मल गंगा’ है। उन्होंने कहा कि गंगा में मिलने वाली सभी नदियों, जैसे गोमती आदि, को गंगा माता माना जाता है और उनकी सफाई के लिए संगठन लगातार काम कर रहा है।

समाज में जागरूकता फैलाना जरूरी

रामाशीष ने कहा कि नदियों का उपयोग केवल धार्मिक कार्यों के लिए ही नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक गतिविधियों के लिए भी किया जाना चाहिए। नदियों की सफाई और संरक्षण के लिए समाज में जागरूकता बढ़ाना बहुत जरूरी है। लोगों को यह समझाना होगा कि नदियों की साफ सफाई से सबको लाभ होगा।

ब्रिटेन से सीख

उन्होंने इंग्लैंड का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां की सूखी नदी को सरकार और समाज के प्रयास से दोबारा जीवित किया गया। वहां की जनता नदियों को माता नहीं मानती, फिर भी उन्होंने सफाई अभियान चलाया। अगर ब्रिटेन में यह संभव है, तो भारत में तो नदियों के प्रति श्रद्धा और प्रेम को देखते हुए इसे और भी आसान बनाया जा सकता है।

नमामि गंगे परियोजना की प्रगति

रामाशीष ने बताया कि नमामि गंगे परियोजना के तहत उत्तर प्रदेश में करीब 70 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। छोटे नालों को पाइप लगाकर और बड़े नालों को एसटीपी (सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट) के जरिए नियंत्रित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यह काम लगभग पूरा हो चुका है। इससे नदियों की सफाई में मदद मिल रही है।

रामाशीष ने कहा कि नदियों को स्वच्छ और बहती रखने के लिए केवल सरकार नहीं, बल्कि समाज का सहयोग भी जरूरी है। अगर सभी मिलकर काम करें तो नदियों को बचाना संभव है और आने वाली पीढ़ी के लिए यह एक अच्छी पहल होगी।

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