Kannauj SP fight: कन्नौज में समाजवादी पार्टी के भीतर घमासान मच गया है। एक वायरल वीडियो ने तहसील परिसर में हुई ऐसी घटना का खुलासा किया है जिसने सियासी गलियारों में हलचल पैदा कर दी है। अखिलेश यादव के करीबी माने जाने वाले पूर्व ब्लॉक प्रमुख रजनीकांत यादव को उसी की पार्टी के नेता लल्ला यादव ने कॉलर पकड़कर 7 थप्पड़ जड़ दिए। घटना सदर तहसील में उस वक्त हुई जब दोनों किसी निजी कार्य से पहुंचे थे और कुर्सी पर बैठने को लेकर कहासुनी हो गई। मारपीट का वीडियो सामने आने के बाद यह घटना सिर्फ कन्नौज ही नहीं, बल्कि पूरे यूपी की राजनीति में चर्चा का केंद्र बन गई है।
कन्नौज में सपा नेता के भाई ने पूर्व जिला पंचायत सदस्य की पिटाई कर दी। सदर तहसील कैंपस में कॉलर पकड़कर 6-7 थप्पड़ मारे..
खैर, हमे क्या करना !
दोनों ही यादव हैं, दोनों ही सपाई हैं, दोनों को ही गुंडागर्दी के संस्कार मिले हैं। pic.twitter.com/ft7kk4G3JX— 𝙼𝚛 𝚃𝚢𝚊𝚐𝚒 (@mktyaggi) July 23, 2025
तहसील में सरेआम थप्पड़, वीडियो वायरल
उत्तर प्रदेश के Kannauj जिले की सदर तहसील उस समय अखाड़ा बन गई जब समाजवादी पार्टी के दो बड़े नेताओं के बीच कहासुनी ने अचानक हिंसक रूप ले लिया। कुर्सी पर बैठने की मामूली बात को लेकर शुरू हुआ विवाद इतना बढ़ा कि सपा नेता लल्ला यादव ने पूर्व ब्लॉक प्रमुख रजनीकांत यादव को एक के बाद एक 7 थप्पड़ जड़ दिए। वीडियो में साफ देखा जा सकता है कि लल्ला पहले रजनीकांत का कॉलर पकड़ता है और फिर ताबड़तोड़ तमाचे जड़ देता है। आसपास मौजूद लोग किसी तरह बीच-बचाव कर मामले को शांत कराते हैं।
सियासी रंजिश की पुरानी जड़ें
जानकारी के अनुसार लल्ला यादव समाजवादी पार्टी के सक्रिय नेता डीएम यादव का भाई है। डीएम यादव और रजनीकांत यादव के बीच पहले से ही सियासी रंजिश चल रही है। दोनों के बीच जिला पंचायत सदस्य पद को लेकर चुनावी मुकाबला हो चुका है। जलालाबाद क्षेत्र के खिवराजपुरवा निवासी डीएम यादव और तिलपई गांव के रहने वाले रजनीकांत यादव के बीच यह तनातनी अब सड़क पर आ चुकी है। रजनीकांत को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का बेहद करीबी माना जाता है और वे अक्सर बिना अपॉइंटमेंट के भी उनसे मुलाकात करते रहे हैं।
कुर्सी पर बैठने से भड़का बवाल
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक विवाद उस समय शुरू हुआ जब दोनों नेता Kannauj तहसील परिसर में एक वकील के चैंबर में पहुंचे। कुर्सी पर बैठने को लेकर पहले बहस हुई और फिर मामला हाथापाई तक पहुंच गया। इस घटना ने सपा की अंदरूनी कलह को उजागर कर दिया है। पार्टी के शीर्ष नेतृत्व की ओर से अब तक इस मामले पर कोई बयान नहीं आया है, लेकिन कन्नौज जैसे सपा के गढ़ में ऐसे दृश्य सामने आना पार्टी की छवि को जरूर नुकसान पहुंचा सकते हैं।