Kanpur District Jail: कानपुर जिला कारागार में भाई दूज के पवित्र पर्व पर एक अनूठी परंपरा देखने को मिली, जब बंदियों की बहनों ने उन्हें तिलक करके मिठाई खिलाई और साथ ही अपराध न करने की कसम भी दिलाई। इस खास मौके पर जेल प्रशासन ने विशेष तैयारियां की थीं, जिससे सभी बंदियों के चेहरों पर खुशी की लहर दौड़ी। Kanpur जेल अधीक्षक बी डी पाण्डेय के नेतृत्व में इस आयोजन ने न केवल भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत किया, बल्कि समाज में अपराध से दूरी बनाने का भी एक संदेश दिया। इस आयोजन ने सभी को एक नई दिशा की ओर प्रेरित किया।
Kanpur जिला कारागार में जब बहनें अपने भाइयों से मिलने पहुंची, तो माहौल पूरी तरह से उत्सवमय हो गया। उन्होंने सबसे पहले अपने भाइयों के माथे पर तिलक किया और फिर मिठाई खिलाकर उनकी कुशलता की प्रार्थना की। इस अवसर पर बहनों ने अपने भाइयों से यह कसम भी ली कि वे भविष्य में कोई अपराध नहीं करेंगे। इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन केवल बंदियों के लिए नहीं, बल्कि उनके परिवारों के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे उनका मनोबल बढ़ता है।
जेल प्रशासन ने इस कार्यक्रम के लिए विशेष व्यवस्थाएं की थीं। पीने के साफ पानी की व्यवस्था के साथ ही मिलने आने वाली बहनों के बैठने के लिए स्थान की व्यवस्था भी की गई थी। कुल 180 प्रार्थना पत्रों के आधार पर बहनों को उनके भाइयों से मिलवाया गया। इस आयोजन ने सभी को एक नया दृष्टिकोण दिया और यह स्पष्ट किया कि पुनर्वास की प्रक्रिया में परिवार का सहयोग कितना महत्वपूर्ण है।
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भाई दूज के इस पवित्र पर्व पर बहनों ने अपने भाइयों से मिलकर जो खुशी महसूस की, वह अनमोल थी। एक बहन ने कहा, “मेरे भाई के साथ दो महीने बाद मिलकर बहुत अच्छा लगा। यह पल मेरे लिए बहुत सुखद है।” उन्होंने यह भी कहा कि जेल के भीतर बिताए गए क्षणों ने उनके रिश्ते को और मजबूत किया है।
इस आयोजन ने न केवल भाई-बहन के रिश्ते को और गहरा किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि कैसे समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की कोशिश की जा सकती है। इस प्रकार के कार्यक्रम भविष्य में भी होने चाहिए, ताकि बंदियों और उनके परिवारों के बीच का बंधन मजबूत बना रहे।