लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। बसपा संस्थापक कांशीराम की जयंती पर बीएसपी चीफ मायावती ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद बीएसपी चीफ ने खुद को आयरन लेडी बताते हुए कहा कि मैं कथनी से ज्यादा कर्म पर विश्वास रखती हूं। बहुसजन समाज के लिए मेरी ये लड़ाई आगे भी जारी रहेगी। उन्होंने आगे कहा कि बहुजन समाज को अपनी गरीबी मिटाने के लिए सत्ता की चाबी हासिल करनी होगी।
खुद को आयरन लेडी बताया
बसपा संस्थापक कांशीराम की जयंती के अवसर पर बीएसपी चीफ मायावती गरजीं। उन्होंने विपक्षी पार्टियों पर तीखा हमला बोला। खुद को आयरन लेडी बताया और बहुजन समाज से इकजुट होकर कांशीराम के सपने को सफल बनाने का संकल्प दिलाया। मायावती ने कहा, सांप्रदायिक सोच रखने वाली पार्टियों से बहुजन समाज के कल्याण की आशा करना नामुमकिन ही नहीं, बल्कि असंभव है। बीएसपी चीफ ने जातीय जनगणना कराए जाने की मांग की। सपा-बीजपी पर आरोप भी लगाए।
देश में जातीय जनगणना कराई जाए
बीएसपी चीफ मायावती ने इस मौके पर कहा कि हमारी पार्टी की मांग है कि देश में जातीय जनगणना कराई जाए। देश और समाज को विकास को नई और सही दिशा के लिए जातीय जनगणना मील का पत्थर साबित होगी। सरकार को इसके लिए कदम उठाने होंगे। जनगणना से जनकल्याण होगा। बाबा साहब ने इसकी गांरटी के लिए संविधान में राष्ट्रीय जनगणना सुनिश्चित की है। बाबा साहब भी चाहते थे कि देश में जातियों की गणना हो।
गुड गवर्नेंस तो क्या गवर्नेंस भी नहीं
बीएसपी चीफ ने आगे कहा कि जनगणना का लगातार वेटिंग में पड़े रहना सरकार का गुड गवर्नेंस तो क्या गवर्नेंस भी नहीं है। रोजी-रोजगार के अभाव में लोगों के खाली हाथ और खाली दिमाग से देशहित प्रभावित है। इसलिए कांशीराम जी ’हर हाथ को काम“ देने की नीति के पक्षधर थे। प्रदेश में जब बीएसपी की सरकार थी तब युवाओं को रोजगार किए गए। अपराध खत्म हो गए। माफियाओं की हेकड़ी निकाल दी गई। बीएसपी सरकार के शासन को लोग आज भी याद करते हैं।
कथनी में कम और कर्म में ज्यादा विश्वास
बीएसपी चीफ मायावी ने आगे कहा कि,यूपी की जनता जानती है कि बीएसपी का आयरन लेडी नेतृत्व हमेशा कथनी में कम और कर्म में ज्यादा विश्वास रखता है। बीएसपी सरकार में बहुजनों के काफी कुछ अच्छे दिन लाकर भी दिखाए, जबकि दूसरी पार्टियां और उनकी सरकारें हवा-हवाई बातों, लुभावनी घोषणाओं ’अच्छे दिन’ के हसीन सपनों से बरगलाती हैं। उनके चक्रव्यूह में फंसकर लोग त्रस्त हैं। उन्होंने आगे कहा, देश में तेजी से पनप रहे धर्म, क्षेत्र, जाति, संपद्राय और तनाव गंभीर चिंता का विषय है। इन सबको लेकर सरकारी नीति में सुधार आवश्यक है।
स्मारकों के नाम बदलने पर नाराजगी
मायावती ने कांशीराम के नाम से बनाए भवनों, स्मारकों के नाम बदलने पर नाराजगी जताई। कहा, बीएसपी रकार में कांशीराम के नाम पर अनेकों भव्य और ऐतिहासिक महत्व के स्मारक, स्थल, पार्क, विश्वविद्यालय, कॉलेज और अस्पताल बनाए, लेकिन यह बीएसपी विरोधियों को कभी भी अच्छा नहीं लगा। बीएसपी विरोधियों की सरकार बनते ही जातिवादी कार्रवाई करते हुए कई के नाम बदल डाले हैं। लखनऊ की ’मान्यवर कांशीराम जी उर्दू, अरबी, फारसी यूनिवर्सिटी का नाम पहले सपा सरकार ने बदल डाला और फिर बीजेपी सरकार ने उसके महत्व और उद्देश्य को लगभग समाप्त कर दिया।
समाज के कल्याण की आशा करना नामुमकिन
बीएसपी चीफ मायावती ने कहा कि, ऐसे संकीर्ण, जातिवादी, सांप्रदायिक सोच रखने वाली पार्टियों और इनकी सरकारों से बहुजन समाज के कल्याण की आशा करना नामुमकिन ही नहीं बल्कि असंभव है। ऐसे में बहुजन समाज को एकसाथ खड़ा होना होगा। बहुजन समाज को हरहाल में सत्ता की चाबी हासिल करनी होगी। सत्ता की चाबी ही बहुजन समाज का विकास कर सकती है। ऐसे में बहुजन समाज को आगे आना होगा। विपक्षी दलों के षणयंत्र का पर्दफाश करना होगा।
पहली दलित सीएम बनी मायावती
बता दें, राज्य में लगभग 5 बार मुख्य मंत्री बन चुकी मायावती को देश में ’आयरन लेडी’ के नाम से जाना जाता है। मायावती का असली नाम नैना देवी है। मायावती का जन्म 15 जनवरी 1956 में हुआ। उनके पिता प्रभु दास पोस्ट ऑफिस में क्लर्क और मां रामरती गृहणी थीं। पढ़ाई पूरी करने के बाद मायावती ने कांशीराम के संपर्क में आई और 1984 में बीएसपी की मेंबर बनी। 1984 में वह बिजनौर लोकसभा क्षेत्र से सांसद चुनी गईं। 1995 में मायावती पहली बार यूपी की मुख्यमंत्री बनीं। इसी के साथ उनके नाम दो रिकॉर्ड दर्ज हुए। एक तो प्रदेश की सबसे युवा सीएम का और दूसरा देश की पहली महिला दलित मुख्यमंत्री का।
मायावती को क्यों कहा जाता है आयरन लेडी
1995 में जब मायावती पहली बाद राज्य के मुख्यमंत्री पद पर बैठीं तो राज्य की राजनीति का हुलिया ही बदल गया। सत्ता में आते ही मायावती ने दो काम किए पहला भ्रष्टाचार फैला रहे अफसरों का तबादला करने की जगह उन्हें सस्पेंड कर दिया और दूसरा शहरों का सुंदरीकरण करवाया ताकि लोगों के पास शहर में घूमने फिरने के लिए अच्छी और साफसुथरी जगह हो। उनका मानना है कि आप भी कुछ ऐसा करें जो दूसरों के लिए मिसाल हो जाए तब ही आपके मेहनत करने का कुछ फायदा है। इसलिए जो काम करें दिल से करें और काम इतना अच्छा करें कि दूसरे लोग भी उस काम को दोहराएं।