Ramji Lal Suman : रविवार को अलीगढ़ में उस समय तनाव की स्थिति बन गई जब समाजवादी पार्टी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन पर करणी सेना से जुड़े लोगों ने हमला कर दिया। घटना उस वक्त हुई जब रामजी लाल सुमन आगरा से बुलंदशहर की ओर अपने काफिले के साथ जा रहे थे। गोभाना टोल प्लाजा के पास हुए इस हमले में काफिले की कई गाड़ियों के शीशे पत्थरों की मार से चकनाचूर हो गए और कुछ वाहन आपस में टकरा भी गए।
हमले के पीछे राणा सांगा पर दिया गया बयान
सूत्रों के मुताबिक, दोपहर करीब दो बजे जैसे ही रामजी लाल सुमन का काफिला गोभाना टोल पार कर रहा था, क्षत्रिय समाज से जुड़े युवकों ने अचानक टायर और पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। बताया जा रहा है कि करणी सेना पहले ही सांसद के राणा सांगा पर दिए विवादित बयान से आक्रोशित थी और हमले की धमकी भी दे चुकी थी। बावजूद इसके प्रशासन ने पर्याप्त सुरक्षा के इंतजाम नहीं किए, जिससे पुलिस और जिला प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
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करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष दुर्गेश सिंह ने इस हमले की जिम्मेदारी लेते हुए साफ कहा कि जब तक रामजी लाल सुमन सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगते, ऐसे विरोध प्रदर्शन और हमले जारी रहेंगे। फिलहाल, प्रशासन की ओर से इस घटना पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन विपक्ष और सपा कार्यकर्ताओं में तीव्र नाराज़गी है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग उठ रही है।
बुलंदशहर में सपा डेलिगेशन पर लगा रोक
इसी बीच रामजी लाल सुमन बुलंदशहर के गांव सुनहरा जा रहे थे, जहाँ हाल ही में थार गाड़ी से कुचली गई एक दलित महिला की मौत हो गई थी। सपा का एक प्रतिनिधिमंडल पीड़ित परिवार से मिलने जा रहा था, लेकिन अलीगढ़-बुलंदशहर सीमा पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। डेलिगेशन में समाजवादी पार्टी के कई दलित नेता भी शामिल थे। उल्लेखनीय है कि इस मामले में पुलिस पहले ही आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है।
अखिलेश यादव का तीखा हमला
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने रामजी लाल सुमन पर हुए हमले की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि सांसद पर टायर और पत्थर फेंककर जानलेवा हमला किया गया, जो एक गंभीर दुर्घटना में बदल सकता था। अखिलेश ने सवाल उठाया कि क्या यह खुफिया एजेंसियों की विफलता थी या फिर प्रशासन की जानबूझकर की गई अनदेखी?
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उन्होंने कहा कि शासन-प्रशासन को समझना चाहिए कि अराजकता का खेल किसी के भी नियंत्रण में नहीं रहता। आज सत्ता में बैठे लोग भी कल खुद इस हिंसा के शिकार बन सकते हैं। अखिलेश ने यह भी पूछा कि क्या उत्तर प्रदेश सरकार ने अराजक तत्वों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है या फिर इन घटनाओं को उनकी मौन सहमति प्राप्त है। उन्होंने इसे ‘घोर निंदनीय’ करार दिया और कहा, “पीडीए कहे आज का, नहीं चाहिए भाजपा!”