NIA court on Kasganj riot: कासगंज दंगों के मामले में एक महत्वपूर्ण फैसले के तहत, NIA कोर्ट ने 2018 में चंदन गुप्ता की हत्या के आरोप में 28 दोषियों को उम्रभर की सजा सुनाई है। कोर्ट ने गुरुवार को सभी आरोपियों को दोषी ठहराया था। यह मामला कासगंज दंगों से जुड़ा हुआ है, जो धार्मिक तनाव के कारण भड़क उठे थे। चंदन गुप्ता की हत्या ने न केवल स्थानीय स्तर पर, बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी गहरे सवाल खड़े किए थे।
चंदन गुप्ता की हत्या और कासगंज दंगे
26 जनवरी 2018 को कासगंज में तिरंगा यात्रा का आयोजन किया जा रहा था, जिसमें एबीवीपी कार्यकर्ता चंदन गुप्ता भी शामिल थे। यह यात्रा हिन्दू युवा वाहिनी द्वारा निकाली जा रही थी, लेकिन पुलिस ने इसे अनुमति नहीं दी थी। जैसे ही यात्रा मुस्लिम बहुल बड्डूनगर इलाके से गुजरने लगी, वहां के मुस्लिम समुदाय के लोगों ने इसका विरोध किया। इसके बाद दोनों समुदायों के बीच बहस शुरू हो गई, जो जल्दी ही हिंसा में बदल गई। इसी हिंसा के दौरान चंदन गुप्ता को गोली मार दी गई, जिससे उनकी मौत हो गई।
घटना के बाद कासगंज में व्यापक हिंसा हुई, जिसमें दुकानों, घरों और वाहनों को आग लगा दी गई थी, और कई लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद इलाके में तनाव बना रहा और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए कई बार कर्फ्यू भी लगाया गया था।
अब, NIA कोर्ट ने इस मामले में दोषियों को उम्रभर की सजा सुनाकर न्याय की प्रक्रिया को पूरा किया है, जिससे यह मामला एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंचा है। यह सजा धार्मिक तनाव और हिंसा के इस दुखद उदाहरण को ध्यान में रखते हुए दी गई है, जो पूरे देश को झकझोरने वाला था।
NIA कोर्ट का फैसला
कासगंज में हुए दंगे और चंदन गुप्ता की हत्या के मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने की थी। NIA कोर्ट लखनऊ में छह वर्षों तक चली सुनवाई के बाद 2 जनवरी को 28 आरोपियों को दोषी करार दिया। इन्हें IPC की धारा 147, 148, 307/149, 302/149, 341, 336, 504, 506 के तहत दोषी पाया गया। इन दोषियों में आसिफ कुरैशी, असलम कुरैशी, शबाब और अन्य शामिल हैं। कोर्ट ने नसरुद्दीन और असीम कुरैशी को सबूत के अभाव में बरी कर दिया। इस मामले में एक आरोपी, अजीजुद्दीन की मृत्यु हो चुकी है।