Kisan Andolan 2.0: हिरासत में बड़े किसान नेता, बॉर्डर खुलवाने की आशंका

पंजाब पुलिस ने किसान आंदोलन 2.0 का नेतृत्व कर रहे सरवन सिंह पंढेर समेत कई बड़े किसान नेताओं को हिरासत में लिया। किसानों को आशंका है कि शंभू और खन्नौरी बॉर्डर पर जारी आंदोलन को खत्म कर बॉर्डरों को जबरन खुलवाया जा सकता है।

Kisan Andolan 2.0

Kisan Andolan 2.0: किसान आंदोलन 2.0 एक बार फिर से गरमा गया है। पंजाब पुलिस ने आंदोलन का नेतृत्व कर रहे प्रमुख किसान नेताओं को हिरासत में ले लिया है। इनमें सरवन सिंह पंढेर, सुखविंदर कौर, अभिमन्यु कोहाड़, जगजीत सिंह डल्लेवाल, मनजीत राय और काका सिंह कोटड़ा समेत कई नाम शामिल हैं। हिरासत में लिए जाने के बाद किसानों में इस बात की आशंका बढ़ गई है कि पंजाब पुलिस शंभू और खन्नौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन को हटाकर करीब एक साल से बंद पड़े बॉर्डरों को जबरन खुलवा सकती है।

इस बीच किसान नेताओं ने किसानों से बड़ी संख्या में दोनों बॉर्डरों पर पहुंचने की अपील जारी की है। हिरासत से पहले किसानों और केंद्र सरकार के बीच करीब 4 घंटे लंबी बैठक हुई थी, जिसमें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत कई मंत्री मौजूद थे। बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री ने इसे सौहार्दपूर्ण बताया और 4 मई को अगली बैठक की घोषणा की। हालांकि, किसान नेताओं की अचानक हुई गिरफ्तारी ने किसानों में नाराजगी और तनाव पैदा कर दिया है।

हिरासत में किसान नेता, आंदोलन पर संकट

जीरकपुर में हिरासत में लिए गए किसान नेताओं में महिला किसान नेता सुखविंदर कौर भी शामिल हैं। गिरफ्तारी के बाद Kisan Andolan 2.0 किसान संगठनों ने तुरंत प्रतिक्रिया देते हुए आंदोलन स्थल पर भारी संख्या में किसानों के जुटने का आह्वान किया है। उधर, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि फिलहाल पुलिस एक्शन की कोई योजना नहीं है।

बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की मांगों पर सौहार्दपूर्ण चर्चा हुई और 4 मई को अगली बैठक होगी। बैठक में केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल और उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी भी मौजूद थे। पंजाब सरकार की ओर से वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा और कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्यिां ने भी भाग लिया।

MSP और अन्य मांगों पर चर्चा

Kisan Andolan 2.0 किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, पेंशन, बिजली दरों में बढ़ोतरी नहीं करने और लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों के लिए न्याय जैसी मांगें रखीं। केंद्र ने सभी संबंधित पक्षों के साथ रायशुमारी करने का आश्वासन दिया है।

बैठक में शामिल होने से पहले किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा था कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल बैठक में भाग लेगा। इससे पहले 22 फरवरी को भी किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक हुई थी।

Kisan Andolan 2.0 किसानों का कहना है कि अगर सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती तो आंदोलन और तेज होगा। हिरासत में लिए जाने के बावजूद किसान संगठनों ने स्पष्ट किया है कि आंदोलन जारी रहेगा और वे अपने अधिकारों के लिए डटे रहेंगे।

यहां पढ़ें: यूपी पुलिस प्रशासन में बड़ा फेरबदल, योगी सरकार ने 16 आईपीएस अफसरों के किए तबादले

Exit mobile version