शंभू बॉर्डर से दिल्ली की ओर किसानों की हुंकार, अंबाला में इंटरनेट सेवाएं 17 दिसंबर तक बंद

Shambhu Border : संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में 101 किसानों का एक समूह आज शंभू सीमा से दिल्ली तक पैदल मार्च करने के लिए निकलेगा।

Shambhu Border : संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के नेतृत्व में 101 किसानों का एक समूह आज शंभू सीमा से दिल्ली तक पैदल मार्च करने के लिए निकलेगा। किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा कि किसान अब निर्णायक संघर्ष के मूड में हैं। उन्होंने यह भी बताया कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन के माध्यम से सरकार को उनकी मांगों पर ध्यान देने के लिए बाध्य किया जाएगा। यह पहला जत्था आज दोपहर 12 बजे रवाना होगा।

अंबाला में इंटरनेट सेवाओं पर रोक

किसानों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए, हरियाणा के अंबाला जिले के कई गांवों में अस्थायी रूप से इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में डंगदेहरी, लोहगढ़, मानकपुर, डडियाना, बड़ी घेल, छोटी घेल, लहारसा, कालू माजरा, देवी नगर, सद्दोपुर, सुल्तानपुर और काकरू शामिल हैं। यह प्रतिबंध 17 दिसंबर तक जारी रहेगा। हालांकि, फोन पर बातचीत की सुविधा सामान्य रहेगी।

पहले भी नाकाम रहा था दिल्ली कूच

रविवार को किसानों ने शंभू सीमा से दिल्ली तक पैदल मार्च की कोशिश की थी, लेकिन हरियाणा पुलिस द्वारा आंसू गैस के गोले दागने के बाद उन्हें अपना मार्च रोकना पड़ा। इस दौरान कुछ किसान घायल भी हुए थे। किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल, जो 26 नवंबर से आमरण अनशन पर हैं, की बिगड़ती सेहत के चलते विरोध प्रदर्शन स्थगित करना पड़ा था।

राकेश टिकैत ने की एकजुटता की अपील

संयुक्त किसान मोर्चा के नेता राकेश टिकैत ने शुक्रवार को पंजाब के किसान नेताओं से मुलाकात की और आंदोलन को मजबूत बनाने के लिए एकजुटता का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि किसान नेता जगजीत सिंह दल्लेवाल की खराब स्वास्थ्य स्थिति को लेकर पूरे देश के किसान चिंतित हैं। टिकैत ने सरकार से जल्द बातचीत करने की मांग की और कहा कि जब तक सरकार उनकी मांगों को नहीं मानती, दल्लेवाल अपना अनशन खत्म नहीं करेंगे।

दिल्ली की घेराबंदी की योजना

राकेश टिकैत ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने किसानों की मांगों पर ध्यान नहीं दिया, तो वे दिल्ली को घेरने के लिए तैयार हैं। इस बार योजना सीमाओं पर नहीं, बल्कि कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) एक्सप्रेसवे से राष्ट्रीय राजधानी को घेरने की है। इसके लिए चार लाख ट्रैक्टर जुटाने की आवश्यकता होगी। टिकैत ने कहा कि सरकार को किसानों की ताकत को हल्के में नहीं लेना चाहिए।

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