Kunda King News: उत्तर प्रदेश की राजनीति में हमेशा सुर्खियों में रहने वाले कुंडा के भदरी रियासत के राजा भैया अब केवल अपने राजनीतिक फैसलों या ताकतवर छवि की वजह से नहीं, बल्कि पारिवारिक विवादों को लेकर भी चर्चा में हैं। उनकी पत्नी भानवी सिंह से चल रहा तलाक का मामला लगातार तूल पकड़ रहा है। भानवी सिंह ने हाल ही में राजा भैया पर जनसंहारक हथियारों के जखीरे का आरोप लगाकर इसे प्रधानमंत्री कार्यालय तक पहुंचा दिया था। इस बीच पहली बार इस विवाद में उनके बेटे सामने आए हैं। जुड़वा बेटे शिवराज प्रताप सिंह और बृजराज प्रताप सिंह ने पिता का खुलकर समर्थन करते हुए मां के आरोपों को नकार दिया है। आइए जानते हैं कौन हैं ये दोनों युवा शख्सियतें।
पिता के साथ राजनीति में उतरे जुड़वा बेटे
Kunda King राजा भैया के बड़े बेटे शिवराज प्रताप सिंह और छोटे बेटे बृजराज प्रताप सिंह ने इसी साल अप्रैल 2025 में राजनीति में औपचारिक प्रवेश किया। दोनों ने प्रतापगढ़ स्थित पार्टी कार्यालय में जनसत्ता दल (लोकतांत्रिक) की सदस्यता ग्रहण की। स्थानीय लोग इन्हें बेहद अपनापन से संबोधित करते हैं—शिवराज को “बड़े राजा” और बृजराज को “छोटे राजा” कहकर पुकारते हैं। राजनीति में उतरने के बाद से दोनों बेटे लगातार पिता के साथ प्रचार अभियानों और दौरों में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं।
2022 से शुरू हुआ राजनीतिक सफर
हालांकि आधिकारिक एंट्री 2025 में हुई, लेकिन राजनीति का प्रशिक्षण दोनों ने 2022 विधानसभा चुनावों के दौरान ही शुरू कर दिया था। उस वक्त उन्होंने पिता के लिए कुंडा विधानसभा क्षेत्र में जमकर प्रचार किया। धीरे-धीरे उन्हें संगठन और चुनावी राजनीति की बारीकियां सिखाई गईं। यही वजह है कि आज पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के बीच उनकी पकड़ मजबूत होती जा रही है।
जेल में रहते हुए हुए थे दोनों का जन्म
शिवराज और बृजराज का जन्म वर्ष 2003 में हुआ था। उस समय प्रदेश में मायावती सरकार थी और उन्होंने राजा भैया को पोटा (POTA) के तहत गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। राजा भैया करीब दस महीने तक जेल में रहे और इसी दौरान बेटों का जन्म हुआ। हालात ऐसे थे कि वे अपने नवजात बेटों का चेहरा तक नहीं देख पाए। राजनीतिक समीकरण बदले, बीजेपी ने मायावती से समर्थन वापस लिया और मुलायम सिंह यादव ने सत्ता संभाली। इसके बाद राजा भैया जेल से बाहर आ सके।
शाही वंश और पारिवारिक विरासत
इन जुड़वा बेटों की पृष्ठभूमि बेहद प्रभावशाली रही है। इनके परदादा बजरंग बहादुर सिंह स्वतंत्रता संग्राम में शामिल रहे थे। वे पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति और हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल भी रहे। निसंतान होने की वजह से उन्होंने Kunda King राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह को गोद लिया था। उदय प्रताप सिंह आरएसएस और विश्व हिंदू परिषद से जुड़े रहे, लेकिन उन्होंने कभी विधानसभा या लोकसभा का चुनाव नहीं लड़ा। इस तरह बेटों को राजनीति और समाजसेवा की विरासत परिवार से ही मिली।
मां के साथ जुड़वां बेटियां
Kunda King राजा भैया और भानवी सिंह की कुल चार संतानें हैं—दो बेटे और दो बेटियां। खास बात यह है कि बेटे और बेटियां दोनों ही जुड़वां हैं। बेटे पिता के साथ रहते हैं जबकि बेटियां मां भानवी सिंह के साथ दिल्ली में हैं। अदालत में चल रहे तलाक केस और भानवी सिंह के गंभीर आरोपों के बीच बेटों ने अब खुलकर पिता का साथ देकर राजनीति और परिवार, दोनों ही मोर्चों पर अपनी भूमिका मजबूत कर ली है।