लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। राजा भैया कुंडा के विधायक हैं। राजा भैया अपनी खुद की पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी है। वह ऑन-बान और शान के साथ सूबे की राजनीति में सक्रिय हैं। उनका रुतबा अब भी वही है। वही चाल में एक शान, मूछों पर ताव, चेहरे पर तेज और बोली में एक अदब, अदब अवधी की। राजा भैया अब जहां भी जाते हैं, अपनी बोली, अपनी भाषा, अपना धर्म और अपने देश की बात करते हैं। राजा भैया खुले मंच से सनातन के रक्षा की बात करते हैं। विधानसभा की पटल से सनातन और हिन्दू और हिन्दुत्व की बात करते हैं। खुद बाबा धीरेंद्र शास्त्री का हिन्दू एकता पैदल यात्रा में शामिल हुए और एक रहोगे तो सेफ रहोगे का नारा देकर तहलाक मचा दिया। अब कुंडा विधायक के दबदबे का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें वह 30 लाख के लग्जरी घोड़े की सवारी करते हुए दिखाई दे रहे हैं।
प्रतापगढ़ के कुंडा विधानसभा सीट से विधायक रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया अक्सर सुर्खियों में रहते हैं। राजा भैया को बचपन से ही महंगी गाड़ियों के साथ ही घुड़सवारी का बेहद शौक है। अब उनके अस्तबल में एक नया घोड़ा शामिल हुआ है। इस हाइब्रिड घोड़े का ट्रोजन रखा गया है। राजा भैया के अस्तबल में शामिल हुए नये घोड़ ट्रोजन का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में कुंडा नरेश राजा भैया के निजी अस्तबल में ट्रोजन का पारंपरिक तरीके से स्वागत हुआ। ढोल-नगाड़ों के बीच ट्रोजर का भव्य स्वागत किया गया। राजा भैया ने खुद घोड़े को टीका लगाया। उसकी आरती की और नारियल फोड़कर उसका अस्तबल में विधिवत स्वागत किया।
अस्तबल प्रबंधन के मुताबिक जल्द ही घोड़े की स्पेशन ट्रेनिंग शुरू हो जाएगी। उसे अस्पबल में भी विशेष रूप से लाया गया। राजा भैया के अस्तबल में अब घोड़ों की कुल संख्या 11 हो गयी है। अस्तबल में शामिल एक घोड़े की अनुमानित कीमत करीब 20 लाख है। वहीं ट्रोजन की कीमत लगभग 30 लाख बताई जा रही है। पहली बार छह साल की उम्र में राजा भैया ने घुड़सवारी की थी। उनके पिता उदय प्रताप सिंह चाहते थे कि उनका बेटा सभी बहादुरी वाले काम करे। कोठी पर घोड़ों की देखभाल करने वाले केदार यादव ने बताया कि छह साल की उम्र में राजा भैया घोड़े की सवारी करने के लिए अड़ गये थे। उस दिन वे घोड़े पर बैठे और काफी देर तक घूमते रहे। इसके बाद से ही घुड़सवारी उनका शौक बन गया। आज वे एक बेहतरीन घुड़सवार बन चुके हैं।
राजा भैया बेंती तालाब में रफ्तार भी भरते हैं। इसके लिए तालाब में हर समय स्पीड बोट और दो मोटर बोट तैयार रहते हैं। इसके साथ ही उनके पास दो एयरक्राफ्ट भी हैं। काम के बीच उन्हें जब भी अवसर मिलता है तो वह हवा से बातें करने के लिए कोठी से निकल पड़ते हैं। राजा भैया के पिता उदय प्रताप सिंह प्रशिक्षित पॉयलट रह चुके हैं। वहीं भदरी हाउस में उनके दादा राय बजरंग बहादुर के समय भी एयरक्रॉफ्ट था। इनसब के बीच राजा भैया यूपी की सियासत में अहम नाम हैं। बीते दिन दशक से कुंडा विधायक राजा भैया के प्रदेश में तूती बोलती आ रही है। राजा भैया की करीब दर्जनभर से ज्यादा लोकसभा सीटों पर सीधी पकड़ है। 2024 के लोकसभा चुनाव में राजा भैया ने किसी भी दल का समर्थन नहीं किया था। राजा भैया बीजेपी के पक्ष में नहीं उतरे। यही वजह रही कि यूपी में बीजेपी ज्यादा सीटें जीत नहीं सकी।
फिलहाल राजा भैया इनदिनों सनातन अवतार को लेकर सुर्खियों में हैं। वह खुलकर सनातन के बारे में बोल रहे हैं। बता दें, एक वक्त ऐसा था जब उनकी छवि एक सेकुलर नेता के तौर पर हुआ करती थी। भले ही राजा भैया ने निर्दलीय या अपनी पार्टी के जरिए अपनी राजनीतिक पारी को आगे बढ़ाया है, लेकिन उनकी समाजवादी पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव से नजदीकी किसी से छिपी नहीं रही है। राजा भैया ने समय के साथ खुद को बदला। प्रदेश में बदलती सत्ता के साथ वे बदले। उनके संबंध सपा के साथ-साथ अन्य राजनीतिक दलों से मधुर रहे हैं। हालांकि, 2002 में मायावती सरकार ने राजा भैया पर पोटा लगा दिया था। बसपा की तब सहयोगी रही भाजपा ने मायावती के निर्णय का विरोध किया। सरकार गिर गई। इसके बाद से वे बीच का रास्ता अपनाकर चलने वाले नेता के तौर पर अपनी छवि बनाई।
2024 के बाद राजा भैया की छवि पूरी तरह से बदलती दिख रही है। उन्होंने ऐसे-ऐसे बयान दिए, जिनकी खूब चर्चा हो रही है। राजा भैया इन दिनों अपने भाषणों के जरिए हिंदू समाज का जिक्र करते दिख रहे हैं। सनातन धर्म के लोगों को अपनी तटस्थता, कायरता और उदासीनता को छोड़ने की अपील कर रहे हैं। भाषण में उन्होंने हिंदू परिवारों की नई पीढ़ी को धर्म की शिक्षा देने पर जोर देते हुए कहा कि संपन्न मुस्लिमों के यहां बच्चों को मौलाना पढ़ाने के लिए आते हैं। हमारे यहां (हिंदू परिवार में) धर्म की शिक्षा के नाम पर लोग सिर्फ बहाने बनाते हैं। इन बयानों के जरिए राजा भैया ने अपनी पुरानी छवि को पूरी तरह से बदल दिया है। बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के मसले को राजा भैया ने जोरदार तरीके से उठाया है। राजा भैया ने एक कार्यक्रम में कहा कि बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए पूरे विश्व के हिंदुओं को एक होना होगा। जनसत्ता दल के मुखिया और कुंडा से विधायक ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमले पर अपनी चिंता जाहिर की।
राजा भैया ने कहा कि बांग्लादेश की कट्टरवादी तानाशाही सरकार ने वहां के हिंदुओं पर अत्याचार की पराकाष्ठा पार कर दी है। हिंदुओं को चुन-चुन कर मारा जा रहा है। उनके घरों और दुकानों को निशाना बनाया जा रहा है। बांग्लादेश की स्थिति पर राजा भैया ने एक्स पर लिखा था कि बांग्लादेश की स्थिति से मन बहुत उद्विग्न है। छात्र आंदोलन के नाम पर आतंकवाद, आगजनी, हत्या, दुष्कर्म, लूटपाट क्यूं। तख्तापलट तो हो गया, अब हिंसा किसलिए। हिंदुओं की हत्याएं हो रही हैं। मंदिर जलाये जा रहे हैं। अंतरिम सरकार और बांग्लादेशी सेना अविलंब प्रभावी कदम उठाये। भारतीयों की सुरक्षित घर वापसी सुनिश्चित करे और हां, विश्व में 57 मुस्लिम देश हैं। शेख हसीना ने वहां न तो शरण मांगी, न किसी देश ने शरण दी, ऐसा क्यूं सोचियेगा अवश्य। राजा भैया ने इस साल नया नारा जुड़ोगे तभी बचोगे का दिया।
दरअसल, बागेश्वर बाबा धीरेंद्र शास्त्री की सनातन पद यात्रा के दौरान कुंडा विधायक राजा भैया भी शामिल हुए। इस यात्रा में शामिल होने के बाद राजा भैया ने जुड़ोगे तभी बचोगे का नारा दिया। सनातन समाज को मजबूत करने का संकल्प लिया। यूपी विधानसभा में भी राजा भैया का बदला रूप दिखा। सपा विधायक नवाब महबूब के कुंदरकी में वोट लूट वाले बयान पर राजा भैया ने कहा कि यह किस प्रकार की बात करते हैं। बोलते हैं कि कुंदरकी में वोट लूटकर भाजपा का विधायक बनाया गया। ये कह रहे हैं कि कुंदरकी में 65 फीसदी मुसलमान हैं। 35 प्रतिशत हिंदू हैं तो रामवीर सिंह कैसे जीत गए। राजा भैया ने कहा था कि जिन विधानसभा में मुस्लिम मतदाताओं की संख्या हिंदू वोटर से कम है, क्या वहां से वे लोग लूटकर विधायक बनकर आते हैं। क्या हिंदू बाहुल्य विधानसभाएं हैं, वहां मुसलमान प्रत्याशी को वोट नहीं मिलता हैं। राजा भैया ने संभल हिंसा पर भी दो टूक बयान दिया। उन्होंने कहा कि यह साफ हो जाना चाहिए कि जो सर्वे हुआ है, वह न्यायालय के आदेश पर हुआ। उन्होंने सवाल किया कि क्या पत्थर चलाने से अदालत का निर्णय बदल जाता है। इसका सही तरीका यही है कि आप ऊपरी अदालत में जाएं। वहां फैसले को चुनौती दें।
