कुशीनगर। जनपद में लोक निर्माण विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से निर्मित मस्जिद और ईदगाह (Kushinagar news) का मामला अब तूल पकड़ने लगा है। हिंदू संगठन सनातन सेना द्वारा इसकी जांच और शिकायत जिला प्रशासन सहित मुख्यमंत्री पोर्टल पर करने के बाद उन्हें सोशल मीडिया के जरिए अंजाम भुगतने की धमकी दी जा रही है।
हालांकि मुस्लिम पक्ष भी लोक निर्माण विभाग की जमीन पर मस्जिद और ईदगाह के निर्माण होने की बात स्वीकार कर रहा है लेकिन साथ में उनका यह भी कहना है यह निर्माण 50 से 60 साल पुराना है। निर्माण के 50 वर्ष बाद इस मुद्दे का एकाएक उठना मुस्लिमों को यह गांव के अमन चैन को बिगाड़ने की साजिश लग रही है उनका कहना है गांव के चंद लोग इस मुद्दे को हवा दे रहे है शेष हिंदुओं को इस निर्माण से कोई शिकायत नहीं है।
PWD को अपनी ही जमीन की सुध नहीं
PWD की जमीन पर अवैध निर्माण का मामला संज्ञान में आने के बावजूद जिला प्रशासन और लोकनिर्माण विभाग इस गंभीर मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए है। इस अति संवेदनशील मुद्दे पर संबंधित विभागों (Kushinagar news) की यह चुप्पी समझ से परे है, जब प्रदेश सरकार द्वारा अवैध अतिक्रमण के खिलाफ सीधी कार्रवाई के निर्देश जारी है। मामला जिले के तमकुही राज तहसील के गड़हिया चिंतामणि गांव का है जहां से होकर लोक निर्माण विभाग की सड़क गुजरती है । सड़क के एक तरफ विभाग की खाली पड़ी जमीन पर बाउंड्री घेर कर एक ईदगाह का निर्माण हुआ था, जहां मुस्लिम ईद में नमाज अता करते है।
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कुछ सालों बाद PWD बाकी बची खाली जमीन पर मुस्लिमों ने ईदगाह से बिल्कुल सटे एक मस्जिद भी बना दी जहां अब रोजाना नमाज हो रही है। तमकुही राज तहसील में सक्रिय सनातनी सेना को जब इस बात की जानकारी हुई तो उन्होंने इसकी शिकायत जिला प्रशासन सहित मुख्यमंत्री पोर्टल पर करते हुए इसके जांच की मांग की। राजस्व टीम की जांच में यह जमीन लोकनिर्माण विभाग के नाम पर दर्ज पाई गई जिसके बाद गांव निर्मित अवैध मस्जिद और ईदगाह को लेकर सियासत गर्मा गई है।
शिकायतकर्ता को खानदान मिटाने की धमकी
शिकायतकर्ता रविंद्र किशोर शाही को सोशल मीडिया के जरिए जिसमें (दाऊद इब्राहिम) की फोटो लगी है, उनके पूरे खानदान को मारने की धमकी मिली है। धमकी मिलने के बाद डरे रविंद्र ने स्थानीय थाने तरया सुजान में FIR दर्ज करने की एप्लिकेशन दिया है, लेकिन अभी तक पुलिस ने उनकी FIR दर्ज नहीं किया है। इस मामले (Kushinagar news) पर जब मीडिया ने संबंधित अधिकारियों से उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो कोई भी इस मुद्दे पर कैमरे के सामने बोलने के लिए तैयार नहीं हुआ अधिकारियों का कहना है कि उन्हें कैमरे पर बोलने का निर्देश नहीं है।