अब नहीं अटकेंगी रजिस्ट्री की फाइलें: एलडीए ने तय की समय-सीमा, हर स्तर पर जवाबदेही तय

लखनऊ में अब मकान और दुकान की रजिस्ट्री की फाइलें बाबू या अधिकारी रोक नहीं पाएंगे। एलडीए ने पूरी प्रक्रिया के लिए समय-सीमा तय कर दी है, जिससे आवंटियों को राहत और पारदर्शिता की उम्मीद जगी है।

LDA

LDA Registry Deadline: लखनऊ में मकान और दुकान की रजिस्ट्री प्रक्रिया अब और अधिक पारदर्शी और समयबद्ध होगी। लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने स्पष्ट आदेश जारी कर निबंधन की पूरी प्रक्रिया के लिए समय-सीमा तय कर दी है। एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार द्वारा 31 मई को जारी एसओपी में हर विभाग को तय समय में कार्य पूरा करना होगा। अब फाइलों को जानबूझकर रोकने या विलंब करने पर संबंधित बाबू या अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी। हर हफ्ते फाइलों की प्रगति की निगरानी होगी और जवाबदेही तय की जाएगी। यह व्यवस्था उन आवंटियों के लिए बड़ी राहत है जो अब तक महीनों चक्कर लगाकर भी रजिस्ट्री नहीं करा पाते थे।

अब नहीं चलेगा बाबुओं का खेल

LDA उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार की पहल से अब रजिस्ट्री की फाइलें जानबूझकर रोके जाने का खेल खत्म होने जा रहा है। लंबे समय से रजिस्ट्री की प्रक्रिया में हो रही देरी, फाइलों के इधर-उधर फंसे रहने और आवंटियों के शोषण की शिकायतें मिल रही थीं। समीक्षा में सामने आया कि फाइलें कभी बाबुओं के पास तो कभी अधिकारियों के यहां रुकी रहती थीं। इससे न केवल आवंटियों को परेशानी होती थी बल्कि प्राधिकरण की छवि भी खराब होती थी। अब यह सुनिश्चित किया गया है कि हर स्तर पर समय-सीमा तय हो और प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़े।

प्रक्रिया की तय समय-सीमा

LDA द्वारा जारी एसओपी के अनुसार:

हर हफ्ते होगी निगरानी

LDA  प्रत्येक अनुभाग अधिकारी को अपनी साप्ताहिक प्रगति रिपोर्ट संपत्ति अधिकारी को देनी होगी। यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, तो संबंधित अधिकारी पर कार्रवाई होगी। इस नई व्यवस्था से पारदर्शिता और कार्यकुशलता बढ़ेगी। आवंटियों को उम्मीद है कि एलडीए की यह पहल उन्हें समय पर और बिना उत्पीड़न के रजिस्ट्री दिलाएगी।

DGP राजीव कृष्णा के ऐलान से खिले युवक-युवतियां के चेहरे, ‘कारतूस’ और AI करेगा अपराधी को ‘खल्लास’

Exit mobile version