लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के बिजनौर में तेंदुओं के आतंक से ग्रामीण दहशत में हैं। खूंखार शिकारी ने किसानों का दिन का चैन और रात का सुकून छीन लिया है। पिछले चार सालों के दौरान तेंदुओं ने 43 इंसानों का शिकार कर चुके हैं। काफी प्रयास करने के बाबजूद वन विभाग तेदुंओं को काबू करने में नाकाम साबित हो रहा है। अगर बीते पंद्रह दिनों की बात करें तो तेंदुए ने चार लोगों को अपना निवाला बना डाला। ऐसे में किसान-ग्रामीण काफी गुस्से में हैं और वन विभाग के खिलाफ हल्लाबोल दिया है।
भारत में बीते कुछ सालों के दौरा बेजुबान जंगल के बजाए रहवासी इलाकों में आ रहे हैं। जंगल के शिकारी बड़े पैमानों पर इंसानों का शिकार कर रहे हैं। कुछ ऐसा ही हाल बिजनौर का है। यहां तेंदुए के खौफ से ग्रामीण दशहत में हैं। . रविवार को नजीबाबाद के इस्सेपुर गांव की पैतींस साल की मीरा को गुलदार ने मार दिया था। मीरा अपने पति महेंद्र के साथ खेत में घास काट रही थी। अचानक गन्ने के खेत से निकल कर तेदुंए ने मीरा की गर्दन पर अपने नुकीले दांत गड़ा दिए और खींच कर खेत में ले गया।
जब गन्ने के खेत से मीरा की दबी हुई चीख सुनाई दी तब महेंद्र दौड़ कर खेत में पहुंचा। जिसे देख तेदुआ मीरा को मरणासन्न हाल में छोड़ कर भाग निकल।. अस्पताल ले जाते वक्त मीरा की मौत हो चुकी थी। बीस किलोमीटर के दायरे में एक के बाद एक लगातार चार मौतें होने के बाद स्थानीय किसानो का सब्र जबाव दे गया है। उन्होंने सैकड़ों की संख्या में भेड़, बकरी, गाय, बैल और भैंस डीएफओ आफिस में घुसा दिए और धरने पर बैठ गये। ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में तेंदुए कहर बनकर टूटे हैं। वन विभाग तेंदुओं को पकड़ने के बजाए शांति से बैठा हुआ है।
किसान नेता दिगंबर सिंह का कहना है वन विभाग तेंदुओं को आदम खोर घोषित करे और इनसे ग्रामीणों को निजात दिलाएं। बिजनौर में लगातार तेंदुओ का शिकार बन रहे किसान, मजदूरों और उनके परिजनों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीन जिलों के डीएफओ को बिजनौर कैंप कर ऑपरेशन तेदुंआ चलाने के निर्देश दिये हैं। फिलहाल वन विभाग ने तेदुंओं से निपटने के लिए आठ टीमें बनायी हैं। इसके साथ ही पचास से ज्यादा पिंजरे तेदुंए बाहुल्य क्षेत्रों में लगा दिये हैं। वन विभाग की टीमें लगातार ऑपरेशन चलाए हुए है। हालांकि मंगलवार तक एक भी तेंदुआ जाल में नहीं फंसा।
वन विभाग के एसडीओ ज्ञान सिंह ने बताया कि बिजनौर में पांच सौ से ज्यादा तेदुंऐ गन्ने के खेतों में डेरा डाले हुए हैं। इसको खाने और रहने की अच्छी महफूज जगह मिल चुकी है। लगातार इनकी पैदावार भी बढ रही है। हालांकिं अब तक करीब एक सौ बीस तेदुंओं को पिंजरो में कैद कर जंगलों और चिड़ियाघरों में भेजा जा चुका है। लेकिन चैलेंज बहुत बड़ा है। स्थानीय किसानों और मजदूरों को वन विभाग द्वारा जारी एडवाइजरी को फॉलो करना पड़ेगा। डीएफओ ने कहा कि किसान शाम के वक्त खेतों में न जाएं। तेंदुआ दिखे तो तत्काल वन विभाग को सूचना दें।