LDA action:उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के बिजनौर इलाके में स्थित अवध रेजीडेंसी कॉलोनी इन दिनों बड़े संकट से गुजर रही है। यहां रहने वाले लोगों ने अपनी पूरी जमा-पूंजी लगाकर और कई ने बैंक से लोन लेकर अपने सपनों का घर बनाया था। लेकिन अब इन घरों पर ढहाने का खतरा मंडरा रहा है।
लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) ने कॉलोनी का लेआउट पास न होने और इसे ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में होने का कारण बताते हुए सड़कों को तोड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी। वहीं, स्थानीय लोगों का आरोप है कि यह कार्रवाई उन्हें बेघर करने की योजना जैसी लगती है।
क्या है पूरा मामला?
अवध रेजीडेंसी कॉलोनी लखनऊ एयरपोर्ट के ठीक पास बनाई गई है। निवासियों के अनुसार चार बिल्डरों ने जमीन खरीदी और बिना लेआउट पास कराए कॉलोनी तैयार कर दी। यहां 40 से ज्यादा मकान बने हुए हैं, जिनमें लगभग 25 परिवार रह रहे हैं।
लोगों का कहना है कि उन्होंने जमीन की रजिस्ट्री करवाकर कानूनी तरीके से मकान बनवाया था। लेकिन पिछले साल एलडीए ने नोटिस लगाकर कॉलोनी को अवैध घोषित कर दिया। जांच में पता चला कि कॉलोनी ग्रीन बेल्ट क्षेत्र में आती है और इसका नक्शा कभी पास नहीं कराया गया।
14 अगस्त को पहुंची जेसीबी, तोड़ा गया रास्ता
14 अगस्त 2025 को एलडीए के जोनल अधिकारी देवांश त्रिवेदी पांच जेसीबी मशीनों के साथ कॉलोनी पहुंचे। यहां मुख्य सड़क को तोड़ दिया गया। अधिकारियों ने स्पष्ट कहा कि कॉलोनी का लेआउट अप्रूव नहीं है और इसे पास कराने के लिए 10 अतिरिक्त एनओसी जरूरी हैं, जो बिल्डरों ने कभी नहीं लिए।
एलडीए की दलील क्या है?
एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार महम का कहना है कि इन दिनों अवैध प्लॉटिंग के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जा रहा है। ड्रोन तकनीक की मदद से ऐसी कॉलोनियों की पहचान की जा रही है।
अवध रेजीडेंसी का मामला भी इसी अभियान का हिस्सा है। एलडीए के अनुसार:
कॉलोनी का लेआउट पास नहीं है
यह क्षेत्र ग्रीन बेल्ट में शामिल है
अपील पहले ही खारिज हो चुकी है
शासन में मामला लंबित है, लेकिन डिमोलिशन ऑर्डर जारी किया जा चुका है
निवासियों ने लगाई प्रधानमंत्री से गुहार
कॉलोनी के पीड़ित परिवारों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सीधे हस्तक्षेप करने की अपील की है। उनका कहना है कि अगर कार्रवाई जारी रही तो सैकड़ों लोग बेघर हो जाएंगे। कई परिवारों ने बताया कि उनकी सारी कमाई इसी घर में लगी है और अब वे गहरी चिंता में हैं।

