Lucknow News:लखनऊ के चौक इलाके में रहने वाले सर्राफा व्यापारी की हत्या के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। बुधवार को डीसीपी पश्चिमी की टीम ने इस केस में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। मामला 18 मार्च का है, जब सर्राफा व्यापारी रूप नारायण सुबह 10 बजे अपने घर से दुबग्गा स्थित दुकान के लिए निकले थे। लेकिन देर रात तक जब वे घर नहीं लौटे, तो परिवार ने उन्हें कॉल किया, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ मिला।
19 मार्च को जब पुलिस ने मामले की जांच शुरू की, तो उनकी दुकान में चोरी की घटना भी सामने आई। पुलिस इन दोनों मामलों की कड़ियां जोड़ ही रही थी कि 24 मार्च को मड़ियांव इलाके में घैला पुल के पास व्यापारी का शव बरामद हुआ।
सीसीटीवी फुटेज से खुला राज
इस हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की जांच की। फुटेज में कुछ संदिग्ध लोग नजर आए, जिसके बाद पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए गोलू, विनय कुमार उर्फ छोटू और हंसराज नाम के तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में आरोपियों ने हत्या की पूरी साजिश का खुलासा किया।
कर्ज के चलते हुआ विवाद
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में से गोलू और विनय की मौसेरी बहन ने 2024 में सर्राफा व्यापारी रूप नारायण से ब्याज पर पैसे उधार लिए थे। जब वे समय पर पैसा नहीं लौटा पाए, तो रूप नारायण उन्हें लगातार कॉल और मैसेज कर रहे थे। इतना ही नहीं, आरोप है कि वह महिला पर शारीरिक संबंध बनाने का दबाव भी डाल रहे थे। इसी से तंग आकर आरोपियों ने उन्हें रास्ते से हटाने की योजना बना ली।
फोन कर घर बुलाया, फिर कर दी हत्या
18 मार्च की रात को दोनों बहनों ने व्यापारी को फोन कर अपने घर बुलाया। जैसे ही वह पहुंचे, पहले से तैयार बैठे गोलू, विनय और हंसराज ने उन पर हमला कर दिया। उन्होंने सिर पर ईंट से वार कर उनकी हत्या कर दी। इसके बाद आरोपियों ने शव को ठिकाने लगाने की साजिश रची।
एंबुलेंस में शव डालकर घैला पुल पर फेंका
गोलू और विनय पेशे से एंबुलेंस चालक हैं, इसलिए उन्होंने शव को छुपाने के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल किया। उन्होंने व्यापारी के शव को एंबुलेंस में रखा और घैला पुल के पास सड़क किनारे फेंक दिया, ताकि किसी को शक न हो।
दुकान की चाबी से चोरी की वारदात को दिया अंजाम
हत्या के वक्त व्यापारी की दुकान की चाबी उनके पास थी, जिसका फायदा उठाकर आरोपियों ने उनकी ज्वेलरी शॉप को निशाना बनाया। 19 मार्च की रात को सभी आरोपी दुकान पहुंचे और ताला खोलकर अंदर घुसे। बिना किसी शोर-शराबे के दुकान से सोने-चांदी के गहने चुरा लिए और आपस में बांट लिए।
जब पुलिस को दुकान में चोरी की सूचना मिली, तो मौके पर जाकर देखा गया कि दुकान का शटर टूटा नहीं था, बल्कि चाबी से खोला गया था। इसी से पुलिस को शक हुआ कि चोरी किसी ऐसे व्यक्ति ने की है, जो पहले से चाबी रखता था।
चोरी का माल और हत्या में इस्तेमाल सामान बरामद
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने आरोपियों के पास से चोरी किए गए गहने बरामद किए। इसमें 143 ग्राम सोने के गहने और 5 किलो 208 ग्राम चांदी के गहने शामिल थे। इसके अलावा, पुलिस को हत्या में इस्तेमाल की गई एंबुलेंस और ईंट भी मिली।
पोस्टमार्टम में शरीर पर गहरी चोटों के निशान
65 वर्षीय सर्राफा व्यापारी रूप नारायण का शव 24 मार्च को घैला पुल के पास बरामद हुआ था। शव बुरी तरह से सड़ चुका था, जिससे उनकी पहचान मुश्किल हो गई थी। 26 मार्च को परिवार ने पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर उनकी पहचान की। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि व्यापारी के सीने और शरीर के अन्य हिस्सों पर गहरी चोटों के निशान थे, जिससे उनकी दर्दनाक मौत हुई थी।
पुलिस की कार्रवाई से पीड़ित परिवार को मिली राहत
इस खुलासे के बाद पुलिस ने मामले को जल्द से जल्द निपटाने का आश्वासन दिया है। गिरफ्तार आरोपियों से और पूछताछ की जा रही है ताकि घटना से जुड़ी बाकी कड़ियां भी साफ हो सकें। इस घटना से लखनऊ के व्यापारियों में डर का माहौल था, लेकिन पुलिस की तेजी से हुई कार्रवाई ने पीड़ित परिवार को कुछ राहत दी है।