Lucknow Mayor Sushma Kharwal: लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल के नेतृत्व में अवैध रूप से रह रहे संदिग्ध बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू होते ही लखनऊ नगर निगम से जुड़ी कूड़ा प्रबंधन कंपनी के 160 सफाई कर्मचारी नौकरी छोड़कर भाग गए। इन कर्मचारियों से नागरिकता प्रमाणित करने वाले दस्तावेज़ (कागजात) मांगे गए थे, जिसके बाद ये सभी अचानक काम से गायब हो गए। महापौर ने इसे एक गंभीर घटना बताते हुए आशंका व्यक्त की है कि ये भागे हुए लोग संदिग्ध रोहिंग्या या बांग्लादेशी हो सकते हैं।
उन्होंने अधिकारियों को तत्काल जांच करने और आधार के साथ एनआरसी (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर) भी चेक करने के निर्देश दिए हैं, क्योंकि ये कर्मचारी खुद को असम का बताते थे। महापौर ने यह भी कहा कि ये संदिग्ध दिन में सफाई कर्मचारी के रूप में काम करते थे और रात में वारदातों को अंजाम दे सकते थे, जैसा कि पिछले साल एक मामले में छह रोहिंग्या पकड़े गए थे।
सीएम योगी के आदेश के बाद एक्शन मोड में महापौर
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा घुसपैठियों के खिलाफ राज्यव्यापी अभियान चलाने और हर मंडल में डिटेंशन सेंटर बनाने के आदेश के बाद, लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल गुरुवार को तुरंत एक्शन मोड में आ गईं।
उन्होंने Lucknow में अवैध ढंग से रह रहे संदिग्ध बांग्लादेशियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का ऐलान किया और अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे तत्काल जांच शुरू करें और उचित कदम उठाएं। महापौर ने शहर के आम लोगों से भी सतर्क रहने और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना पुलिस को देने की अपील की है।
झुग्गी बस्तियों में नागरिकता की जाँच
Lucknow में अवैध रूप से बसी झुग्गी बस्तियों में रहने वाले लोगों की नागरिकता को प्रमाणित करने के लिए बड़े पैमाने पर जांच अभियान चलाया जा रहा है। महापौर ने स्वयं गुडंबा थाने के पास मौके पर जाकर जांच-पड़ताल की। आशंका है कि लखनऊ में एक बड़ी संख्या में संदिग्ध बांग्लादेशी अवैध रूप से निवास कर रहे हैं। जांच अभियान शुरू होते ही कई संदिग्ध इधर-उधर भाग गए हैं।








