Mahakumbh update : मौनी अमावस्या पर प्रयागराज महाकुंभ में उमड़ी भारी भीड़ के बीच भगदड़ मच गई। संगम तट पर मंगलवार देर रात करीब 2 बजे से लेकर बुधवार सुबह तक हजारों लोग जमा हो गए थे। बताया जा रहा है कि बैरिकेड्स टूटने और अफवाह फैलने से लोग इधर-उधर भागने लगे, जिससे भगदड़ की स्थिति पैदा हो गई।
प्रशासन ने अब तक मृतकों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया गया, जहां उनका इलाज जारी है।
अखाड़ों ने अमृत स्नान किया रद्द
घटना के बाद अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्र पुरी ने सभी अखाड़ों से अपील की कि वे अमृत स्नान को स्थगित कर दें। सभी 13 अखाड़ों ने इस फैसले को मानते हुए मौनी अमावस्या का स्नान रद्द कर दिया है।
रवींद्र पुरी ने कहा, हर कोई संगम में स्नान करना चाहता था, जिससे वहां भीड़ ज्यादा हो गई। हमने श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए यह फैसला लिया है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री ने लिया संज्ञान
हादसे की खबर मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की और हालात का जायजा लिया। पीएम मोदी ने केंद्र से हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी तुरंत अधिकारियों की आपात बैठक बुलाई और श्रद्धालुओं से अफवाहों पर ध्यान न देने की अपील की। उन्होंने कहा, जो श्रद्धालु जहां हैं, वहीं स्नान करें। भीड़भाड़ वाले इलाकों से बचें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।
एनएसजी ने संभाला मोर्चा, सुरक्षा बढ़ी
घटना के बाद संगम तट और आसपास के इलाकों में एनएसजी कमांडो तैनात कर दिए गए हैं। श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रयागराज शहर में बाहरी लोगों के प्रवेश पर भी रोक लगा दी गई है।
इसके अलावा, 70 से ज्यादा एंबुलेंस घटनास्थल पर भेजी गईं और घायलों को अस्पताल ले जाया गया।
क्या थी भगदड़ की असली वजह
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह भगदड़ अफवाह फैलने के कारण हुई। बताया जा रहा है कि कुछ महिलाओं के गिरने के बाद अफरा-तफरी मच गई और लोग उन्हें कुचलते हुए आगे बढ़ने लगे।
वहीं, प्रशासन के मुताबिक, कुछ बैरिकेड्स टूट गए, जिससे लोग घबरा गए और भगदड़ मच गई।
विशेष कार्याधिकारी आकांक्षा राणा ने कहा, घटना बैरिकेड्स के टूटने के कारण हुई। हालांकि, हालात अब नियंत्रण में हैं।
श्रद्धालुओं से अपील संयम बनाए रखें
भगदड़ के बाद कई धार्मिक गुरुओं और संतों ने श्रद्धालुओं से शांति बनाए रखने की अपील की है।
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य ने कहा, श्रद्धालुओं को सिर्फ संगम में ही स्नान करने पर जोर नहीं देना चाहिए। गंगा और यमुना के कई घाट हैं, जहां स्नान किया जा सकता है।
योग गुरु बाबा रामदेव और आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज ने भी त्रिवेणी घाट पर पूजा अर्चना करते हुए लोगों से अफवाहों से बचने और भीड़भाड़ से दूर रहने की अपील की।
ज्यादा लोगों की भीड़
प्रयागराज में मौनी अमावस्या के स्नान के लिए 8 से 10 करोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद थी। मंगलवार को ही 5.5 करोड़ से ज्यादा लोगों ने संगम में डुबकी लगाई थी।
इस भारी भीड़ को संभालने के लिए 60,000 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे, लेकिन भगदड़ के बाद सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है।
राजनीतिक नेताओं की प्रतिक्रियाएं
हादसे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने गहरा दुख जताया। उन्होंने X (ट्विटर) पर लिखा, यह घटना बेहद दुखद और चिंताजनक है। पीड़ित परिवारों को कुदरत यह दुःख सहने की शक्ति दे।
वहीं, भाजपा सांसद हेमा मालिनी ने महाकुंभ में मौनी अमावस्या के अवसर पर पवित्र स्नान किया और भगदड़ की घटना पर दुःख जताया।
महाकुंभ दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन है, जहां करोड़ों लोग आस्था की डुबकी लगाने आते हैं। लेकिन जब भीड़ बहुत ज्यादा हो जाती है, तो छोटी-छोटी गलतियां भी बड़े हादसों में बदल सकती हैं।
प्रशासन और श्रद्धालुओं, दोनों को सतर्क रहने की जरूरत है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके और महाकुंभ का पवित्र आयोजन शांति और सुरक्षा के साथ पूरा हो सके।