Prayagraj में 2025 का महाकुंभ मेला शुरू हो चुका है। यह केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि आस्था और भारतीय संस्कृति का एक भव्य उत्सव है। देश विदेश से करोड़ों श्रद्धालु संगम में पुण्य की डुबकी लगाने आ रहे हैं। इस आयोजन को खास बनाने के लिए योगी सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं।
महाकुंभ को दुनिया तक पहुंचाने की पहल
सरकार ने महाकुंभ का प्रचार सिर्फ भारत में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी किया है। रूस, जर्मनी, फ्रांस, इज़राइल और इटली जैसे देशों में महाकुंभ की निशानियां भेजी गई हैं ताकि दुनिया भर के लोग इस भव्य आयोजन के बारे में जानें और जुड़ें। यह कदम भारतीय संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए उठाया गया है।
श्रद्धालुओं के लिए खास इंतजाम
महाकुंभ में आने वाले श्रद्धालुओं को महाप्रसाद के रूप में फलदार पौधे, नीम और तुलसी के पौधे दिए जा रहे हैं। इसके अलावा, एक थैला और थाली भी दी जा रही है ताकि लोग इसे यादगार के रूप में अपने साथ ले जा सकें। इससे न केवल पर्यावरण को फायदा होगा, बल्कि भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार भी होगा।
कुंभ मेला आंकड़ों में
इस बार का महाकुंभ 13 जनवरी से 26 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान करीब 40 करोड़ लोग यहां आने की उम्मीद है। इतने बड़े आयोजन के लिए 4,000 हेक्टेयर में एक अस्थायी शहर बसाया गया है। यह मेला पूरी दुनिया में अपनी भव्यता के लिए मशहूर है, और इसे बेहतर बनाने के लिए सरकार ने बड़े इंतजाम किए
98 विशेष ट्रेनें श्रद्धालुओं के लिए चलाई जा रही हैं।
40,000 पुलिसकर्मी सुरक्षा के लिए तैनात किए गए हैं।
एआई-संचालित निगरानी सिस्टम से सुरक्षा पर नजर रखी जा रही है।
हर 12 साल में आता है यह महापर्व
महाकुंभ हर 12 साल में प्रयागराज में होता है। हिंदू धर्म में यह बहुत विशेष और पवित्र अवसर माना जाता है। कहा जाता है कि इस दौरान गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार का कुंभ पहले से ज्यादा भव्य और सुव्यवस्थित बनाया गया है।
योगी आदित्यनाथ का बयान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाकुंभ केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश और भारत को जानने का एक बेहतरीन अवसर भी है। उन्होंने कहा कि सरकार की कोशिश है कि यह आयोजन ऐसा हो, जिसे लोग हमेशा याद रखें।
महाकुंभ 2025,भारतीय संस्कृति की पहचान
महाकुंभ सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि भारत की आत्मा को दर्शाने वाला आयोजन है। सरकार की कोशिश है कि इस आयोजन के जरिए भारतीय संस्कृति को पूरी दुनिया में पहचान और सम्मान मिले।इसके लिए भव्य इंतजाम किए गए हैं।