मथुरा पेड़ कटान मामले में प्रशासन की नींद टूटी, तीन मुकदमे दर्ज

मथुरा में पेड़ कटान के मामले को लेकर लंबे समय तक चुप्पी साधे रहने वाले प्रशासन को आखिरकार कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा है। न्यूज वन इंडिया द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया है और अब तक बिल्डरों के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं।

Mathura

Mathura: मथुरा में पेड़ कटान के मामले ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। न्यूज वन इंडिया द्वारा इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाए जाने के बाद प्रशासन हरकत में आया और बिल्डरों के खिलाफ अब तक तीन मुकदमे दर्ज किए जा चुके हैं। हालांकि, प्रशासन की कार्यवाही सवालों के घेरे में है, क्योंकि मामले में मुख्य आरोपी के खिलाफ केवल आंशिक कार्रवाई की गई है, जिससे स्थानीय लोग इसे दबाने का प्रयास मान रहे हैं।

गुरुकृपा तपोवन के मालिक पर मुकदमा

Mathura बिजली विभाग ने गुरुकृपा तपोवन के मालिक संकर सेठ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है। यह मुकदमा उन पर गैरकानूनी रूप से पेड़ कटाने और बिजली विभाग से संबंधित नियमों का उल्लंघन करने के आरोपों के तहत दर्ज किया गया है। हालांकि, बिजली विभाग ने इस मामले में गंभीर कदम उठाते हुए संकर सेठ के खिलाफ मामला तो दर्ज किया, परंतु अन्य दो मामलों में उनका नाम लिखने से बचता नजर आया है।

अन्य मामलों में ढिलाई

गुरुकृपा तपोवन के नाम से जुड़े दो अन्य मामलों में भी Mathura  प्रशासन ने मुकदमे दर्ज किए हैं, लेकिन इनमें संकर सेठ का नाम सीधे तौर पर नहीं जोड़ा गया। इससे यह सवाल उठता है कि क्या प्रशासन सिर्फ दिखावटी कार्यवाही कर रहा है, या फिर किसी दबाव में आकर असली दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई से बच रहा है?

Mathura प्रशासन की कार्यवाही सवालों के घेरे में

पेड़ कटान के इस बड़े मामले में मथुरा प्रशासन की भूमिका पर सवाल उठ रहे हैं। न्यूज वन इंडिया की खबर के बाद, प्रशासन ने छोटी-छोटी कार्रवाइयों से अपनी सक्रियता दिखाने की कोशिश की है, लेकिन स्थानीय लोगों और पर्यावरण प्रेमियों का मानना है कि यह केवल मामले को दबाने का प्रयास है। अब तक जितनी भी कार्रवाई की गई है, वह केवल खानापूर्ति नजर आ रही है।

पेड़ कटान मामला: पर्यावरण को खतरा

इस पेड़ कटान के मामले से मथुरा का पर्यावरण गंभीर खतरे में है। इस तरह के अवैध कार्य न केवल स्थानीय पारिस्थितिकी तंत्र को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए भी एक गंभीर समस्या पैदा कर सकते हैं। मथुरा जैसे ऐतिहासिक और धार्मिक शहर में इस प्रकार के मामलों पर प्रशासन की उदासीनता पर्यावरण संरक्षण के प्रति उसकी प्रतिबद्धता पर सवाल खड़े करती है।

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आगे की राह

अब सभी की निगाहें मथुरा प्रशासन पर हैं कि क्या वह इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगा या फिर इसे दबाने की कोशिश करेगा। प्रशासन को चाहिए कि वह बिल्डरों और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए यह सुनिश्चित करे कि मथुरा का पर्यावरण और कानून संरक्षित रहे।

न्यूज वन इंडिया ने इस मुद्दे को जिस तरह से उठाया है, उससे उम्मीद है कि आने वाले दिनों में और भी खुलासे होंगे और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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