14 दिन के लिए मौलाना तौकीर रज़ा को हुई जेल, जानें क्या है बरेली हिंसा का मामला ?

बरेली हिंसा को लेकर एसएसपी अनुराग आर्या ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि इस उपद्रव की साजिश करीब **सात दिनों से रची जा रही थी। पुलिस को जांच के दौरान चाकू, तमंचे, ब्लेड और पेट्रोल से भरी बोतलें** बरामद हुई हैं, जो साफ इशारा करती हैं कि यह घटना पूर्व नियोजित थी।

Maulana Tauqeer Raza

Maulana Tauqeer Raza : उत्तर प्रदेश के बरेली में 26 सितंबर (शुक्रवार) को हुए उपद्रव के मामले में बड़ा एक्शन लेते हुए इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (IMC) के प्रमुख मौलाना तौकीर रजा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मौलाना को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया है। पुलिस ने जानकारी दी कि अब तक 10 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से 7 मामलों में मौलाना को नामजद किया गया है। उनके अलावा 7 अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया गया है, जबकि 39 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है।

हथियार और पेट्रोल बम बरामद

एसएसपी अनुराग आर्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह हिंसा अचानक नहीं भड़की, बल्कि इसकी योजना करीब एक सप्ताह पहले से चल रही थी। पुलिस को छानबीन के दौरान चाकू, तमंचे, ब्लेड और पेट्रोल से भरी बोतलें बरामद हुई हैं, जो इस बात की पुष्टि करते हैं कि माहौल बिगाड़ने की साजिश रची गई थी। पुलिस का यह भी कहना है कि इस हिंसा में बाहरी तत्वों की भी संलिप्तता सामने आ रही है। बरेली के जिलाधिकारी (DM) अविनाश सिंह ने भी इस मामले पर अहम जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि जब प्रशासन को प्रदर्शन की योजना का पता चला, तब बीएनएसएस धारा 163 लागू कर दी गई थी, जिसके तहत बिना अनुमति किसी भी सार्वजनिक सभा की इजाजत नहीं थी।

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इस संबंध में मौलाना के प्रतिनिधि नदीम और नफीज से बातचीत की गई, और उन्हें सारी कानूनी प्रक्रिया विस्तार से समझाई गई। डीएम ने कहा कि इसके बाद मौलाना तौकीर रजा और उनके प्रतिनिधि नदीम खुद कैंप कार्यालय आए, जहां अधिकारियों ने स्पष्ट रूप से उन्हें समझाया कि कानून के तहत सभा की इजाजत नहीं है। उन्होंने आश्वासन दिया कि वे प्रदर्शन नहीं करेंगे और एक लिखित पत्र भी सौंपा गया जिसमें उन्होंने योजना को स्थगित करने की बात कही।

वीडियो बयान से पलटा फैसला

हालांकि, अगले ही दिन मौलाना तौकीर रजा ने एक वीडियो संदेश जारी कर दावा किया कि जो पत्र दिया गया था, वह फर्जी है और वे अपनी पूर्व नियोजित योजना के तहत ही प्रदर्शन करेंगे। जुमे की नमाज के बाद अधिकांश लोग अपने घरों को लौट गए, लेकिन एक समूह वहीं रुक गया और इस्लामिया इंटर कॉलेज की ओर मार्च करने की कोशिश करने लगा। जब उन्होंने कानून को हाथ में लेने की कोशिश की और शांति व्यवस्था को भंग किया, तो पुलिस ने बल प्रयोग कर हालात काबू में किए।

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