लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। उत्तर प्रदेश के संभल जनपद की जामा मस्जिद को लेकर स्थानीय न्यायालय ने आदेश दिया था। जिसके बाद मस्जिद पर सर्वे का कार्य शुरू हो गया। अब इस मामले पर सियासत भी शुरू हो गई है। बीएसपी प्रमुख मायावती ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लटेफार्म एक्स पर सरकार और सुप्रीम कोर्ट से इस पूरे मामले को संज्ञान लेने की अपील की।
कुछ इस तरह से बोली मायावती
बीएसपी प्रमुख मायावती ने एक्स पर लिखा कि, ‘उत्तर प्रदेश के संभल जिले की शाही जामा मस्जिद को लेकर अचानक विवाद सामने आया और इस पर सुनवाई हुई। फिर उसके फौरन बाद आपाधापी में सर्वे की खबरें राष्ट्रीय चर्चा तथा मीडिया की सुर्खियों में हैं। बीएसपी प्रमुख ने लिखा कि ‘इस तरह से सद्भाव और माहौल बिगड़ सकता है। ऐसे में पूरे प्रकरण का संज्ञान सरकार तथा माननीय सुप्रीम कोर्ट को भी जरूर लेना चाहिए। मायावती के इस बयान के बाद कुछ लोगों ने रियेक्ट भी किया है।
क्या है संभल का जामा मस्जिट केस
संभल में स्थित शाही जामा मस्जिद जिसे बाबरी मस्जिद भी कहा जाता है, इस पर भी हिन्दू पक्ष द्वारा दावा किया जाता है कि ये हर हरिहर मंदिर है। ये मामला कोर्ट में चल रहा है। हिन्दू पक्ष का कहना है कि ये मस्जिद भी मंदिर को तोड़कर बनाई गई है। भारतीय पुरातत्व विभाग ने साल 1879 में जामा मस्जिद का पूरा सर्वेक्षण किया था। एक रिपोर्ट भी बनाई थी। रिपोर्ट में दावा किया गया था ये मस्जिद नहीं बल्कि हिंदू मंदिर है। हिंदू मंदिर से इसे मस्जिद में परिवर्तित करने वाले व्यक्ति का नाम मीर हिंदू बेग था जो कि बाबर का दरबारी था।
मुस्लिम पक्ष का तर्क
हालांकि इस पूरे मामले में मुस्लिम पक्ष के तर्क हिंदू पक्ष, इतिहासकारों और पुरातत्व सबूतों से अलग हैं। संभल की जामा मस्जिद के अध्यक्ष मोहम्मद जफर का दावा है कि मस्जिद किसी भी मंदिर को तोड़ कर नहीं बनी और मस्जिद के हिन्दू मन्दिर के कोई निशान नहीं है। संभल की जामा मस्जिद के कोर्ट कमिश्नर सर्वे के आदेश पर मोहम्मद जफर आश्चर्य जताते हुए दावा करते हैं कि ऐसा पहली बार हुआ है एक ही दिन में कोर्ट के मामला आता है, उसी दिन सुनवाई होती है और याचिका स्वीकार होकर कोर्ट कमिश्नर सर्वे का आदेश होता है और उसी रात सर्वे शुरू भी हो जाता है।
हिन्दू पक्ष का तर्क
याचिकाकर्ता अधिवक्ता विष्णु शंकर जैन ने मंगलवार को बताया था कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिए। अदालत ने कहा है कि कमीशन के माध्यम से वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी सर्वे कराकर अदालत में रिपोर्ट दाखिल की जाए।जैन ने कहा था, संबल में हरिहर मंदिर हमारी आस्था का केंद्र है। हमारी धार्मिक मान्यताओं के अनुसार यहां पर दशावतार में से कल्कि अवतार यहां से होना है। बाबर ने 1529 में मंदिर को तोड़ कर मस्जिद में बदलने की कोशिश की थी।