हाथ में गीता लेकर अमेरिका में शपथ लेने वाली मेनका सोनी, लखनऊ में हुआ जोरदार स्वागत

उत्तर प्रदेश की मूल निवासी मेनका सोनी ने अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य के रेडमंड शहर की सिटी काउंसिल मेंबर के रूप में भगवद्गीता हाथ में लेकर शपथ ली है। यह उपलब्धि हासिल करने वाली वह पहली प्रवासी भारतीय-अमेरिकी महिला बन गई हैं। गुरुवार शाम लखनऊ पहुंचने पर मेनका का भव्य स्वागत किया गया, जहां उन्होंने भारतीय संस्कृति के प्रति अपने गहरे लगाव और अमेरिका में भारतीय मूल की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की।

Maneka Soni

Maneka Soni swearing-in: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के सरोजनीनगर की हिन्द नगर कॉलोनी से संबंध रखने वाली मेनका सोनी ने अमेरिका में भारतीय संस्कृति को एक नया आयाम दिया है। उन्हें अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य के रेडमंड शहर की सिटी काउंसिल मेंबर चुना गया है, और वह इस पद पर पहुंचने वाली पहली प्रवासी भारतीय-अमेरिकी महिला हैं। मेनका ने 2 दिसंबर को अपनी भारतीय पोशाक में हाथों में भगवद्गीता लेकर शपथ ग्रहण की थी, जिसने भारतीय समुदाय का गौरव बढ़ाया।

गुरुवार की शाम को लखनऊ पहुंची मेनका का उनके गृहनगर में जोरदार स्वागत हुआ। प्रेस से बातचीत के दौरान उन्होंने भारतीय संस्कृति और मान्यताओं के प्रति अपने गहरे जुड़ाव को व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि उन्होंने विदेश में भी अपनी संस्कृति को संजोकर रखा है और अमेरिका के लोगों के साथ होली-दीपावली जैसे त्योहार मनाती हैं। उन्होंने बताया कि होली के कार्यक्रम में 15 हजार लोग शामिल हुए थे। मेनका सोनी ने विशेष रूप से अमेरिका में रहने वाली भारतीय मूल की महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए काम करने की अपनी मंशा जाहिर की।

कॉरपोरेट सेक्टर में 30 वर्षों तक माइक्रोसॉफ्ट, स्टारबक्स, जनरल मोटर्स और टी एंड मोबाइल जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में महत्वपूर्ण पदों पर काम करने का अनुभव रखने वाली Maneka Soni ने बताया कि रेडमंड को माइक्रोसॉफ्ट के वैश्विक मुख्यालय और अमेरिका के सबसे प्रभावशाली टेक हब के रूप में जाना जाता है। उनके शपथ ग्रहण समारोह में सिटी हॉल में भारतीय मूल के लोगों की भारी भीड़ मौजूद थी। जज रसेल ने उन्हें शपथ दिलाई, और इस कार्यक्रम में रेडमंड की मेयर एंजेला बिर्नी भी उपस्थित रहीं।

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Maneka Soni ने बताया कि उन्होंने 14 साल पहले एम पावरिंग नामक एक गैर-लाभकारी संस्था बनाई थी, जिसके माध्यम से उन्होंने महिलाओं के सशक्तिकरण, बेघर लोगों की सहायता और बीमारों की सेवा की। इस संस्था ने अब तक पांच लाख से अधिक लोगों की सहायता की है। समाज सेवा में उनके योगदान के लिए मेनका को पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन की ओर से लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड 2024 में मिला था, और यूएस कांग्रेस ने उन्हें 20 प्रभावशाली महिलाओं में शामिल कर सम्मानित किया।

Maneka Soni ने यह भी बताया कि एम पावरिंग संस्था यूएसए बेस्ड है, जिसकी एक शाखा भारत में भी है, जिसे ‘मां की रसोई’ के नाम से आगे बढ़ाया जा रहा है। इसके तहत लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर के बाहर भोजन भेजा जाता है। मेनका सोनी की पैदाइश आगरा की है, लेकिन उनके माता-पिता के ट्रांसफर के बाद उनका परिवार लखनऊ आ गया था। उन्होंने सेंट थॉमस और सीएमएस से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई करने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की थी।

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