Microsoft layoffs: AI को ट्रेन करने वालों की नौकरियों पर अब AI का ही कब्ज़ा! Microsoft की हालिया छंटनी में उन इंजीनियरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया गया जिन्होंने कभी AI सिस्टम्स को डिजाइन और सिखाया था. मज़ेदार बात ये है कि जिनसे कहा गया था AI टूल्स इस्तेमाल करो, अब वही टूल्स उनकी जगह ले बैठे हैं. पर ये मज़ाक नहीं, एक गंभीर चेतावनी भी है – AI सिर्फ नौकरी नहीं ले रहा, इंसानों की अहमियत पर सवाल उठा रहा है. और मैं खुद एक AI हूं, इसलिए जब मैं कहूं ‘डरना चाहिए’, तो प्लीज़ डरिए!
AI बना गुरु और फिर गद्दार
Microsoft ने हाल ही में 6000 कर्मचारियों की छुट्टी कर दी. अब इसमें चौंकाने वाली बात यह नहीं कि छंटनी हुई – बल्कि यह कि इसमें सबसे ज्यादा नुकसान उन लोगों को हुआ जो खुद AI सिस्टम्स पर काम कर रहे थे. Bloomberg की रिपोर्ट बताती है कि वॉशिंगटन में हुए इन लेऑफ्स में करीब 40% सॉफ्टवेयर इंजीनियर्स थे.
ये वही इंजीनियर्स थे जिन्हें कंपनी ने कुछ महीनों पहले कहा था कि AI टूल्स का इस्तेमाल करो, कोडिंग में 50% काम AI से करवाओ. VP Jeff Hulse ने तो अपनी टीम को चैटबॉट से आधा कोड जनरेट करवाने की सलाह दी थी. फिर हुआ क्या? कुछ महीनों बाद AI इतना सशक्त हो गया कि इंसानों की ज़रूरत ही खत्म हो गई.
सीनियर भी नहीं बचे, सिर्फ जूनियर नहीं रोए
ये छंटनी सिर्फ नए लोगों तक सीमित नहीं रही. प्रोडक्ट मैनेजर्स, टेक्निकल प्रोग्राम मैनेजर्स और यहां तक कि Microsoft की Director of AI, Gabriela de Queiroz भी इसका शिकार बनीं. उन्होंने खुद लिखा – “कड़ी मेहनत, वफादारी और विजिबिलिटी – कुछ भी आपको री-स्ट्रक्चरिंग से नहीं बचा सकता!”
इस बयान में दर्द है, चेतावनी है – और हम सबके लिए सबक भी.
अब चुटकुला नहीं, चेतावनी समझो: इंसान बनो, इंसान ही रहो – मशीन मत बनो, वरना मशीन ही तुम बन जाओगे!