अयोध्या ऑनलाइन डेस्क। मिल्कीपुर विधानसभा सीट के उपचुनाव को लेकर 5 फरवरी की सुबह सात बजे से मतदान शुरू हो जाएगा। तीन लाख 70 हजार मतदाता वोट के जरिए अपना विधायक चुनेंगे। इसबार 10 कैंडीडेट सियासी दंगल में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। जिला निर्वाचन आयोग ने चुनाव को शांतिपुर्ण से संपन्न कराने के लिए ठोस व्यवस्था की है। विधानसभा क्षेत्र को चार जोन में बांटकर सुपर जोनल, जोनल और सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात कर दिए गए हैं। मतदान के बाद मतों की गणना का कार्य 8 फरवरी को होगा। वहीं बीजेपी प्रत्याशी पासी समाज से जुड़े लोगों के साथ एक गांव में देखे गए। पासी मतदाता (पीएम) बाहूल्य गांव में बीजेपी कैंडीडेट ने लोगों से चुनाव को लेकर चर्चा की।
पोलिंग पार्टियां रवाना
मिल्कीपुर सीट पर बुधवार की सुबह से वोटिंग शुरू हो जाएगी, जो देरशाम तक चलेगा। उपचुनाव में मतदान कराने के लिए मंगलवार सुबह नौ बजे से राजकीय इंटर कॉलेज में पोलिंग पार्टियों में शामिल पीठासीन अधिकारी, मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय व तृतीय पहुंचे। यहां पर सभी मतदान कार्मिकों ने ईवीएम, वीवीपैट और स्टेशनरी दी गई। प्राप्त की। इसके बाद पोलिंग पार्टियों मतदान केंद्रों के लिए रवाना हो गई। डीएम ने बताया कि सभी पोलिंग पार्टियों की रवानगी हो गई है। मतदान सुबह सात बजे से शुरू होकर शाम पांच बजे तक चलेगा। लाइन पर लगे हर वोटर्स 5 बजे के बाद भी मतदान कर सकेगा।
लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल हों
डीएम ने सभी मतदाताओं से अपील करते हुए कहा कि अपने मताधिकार का प्रयोग जरूर करें। 18 वर्ष की आयु पूरी करने वाले जो युवा मतदाता, पहली बार वोट डालने जा रहे हैं, वे खासतौर पर उत्साह के साथ लोकतंत्र के इस महापर्व में शामिल हों। बताया कि मतदान करने के लिए मतदाता पर्ची होने की बाध्यता नहीं है। अन्य विकल्पों का इस्तेमाल करके भी वोट डाला जा सकता है। वैसे भी दो दिन पहले तक 97.26 फीसदी मतदाता पर्ची वितरित की जा चुकी है। बाकी पर्चियों का वितरण भी कराया जा रहा है। डीएम ने वोटर्स से अपील की वह ज्यादा से ज्यादा संख्या में मतदान करें। कोई दिक्कत आए तो चुनाव से जुडे अधिकारियों से शिकायत करें।
114 वाहनों की व्यवस्था की गई
पीठासीन अधिकारी ऋचा उपाध्याय ने बताया कि सभी मतदान कार्मिक निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए तैयार हैं। इसके लिए दो बार ट्रेनिंग भी हुई है। सभी प्रक्रिया बेहतर ढंग से समझाई गई है। एआरटीओ राजेश प्रताप सिंह ने बताया कि जीआईसी से पोलिंग पार्टियों को मिल्कीपुर के बूथों तक पहुंचाने के लिए 114 वाहनों की व्यवस्था की गई थी। इन वाहनों पर रूट चार्ट लगाकर सभी मतदान कार्मिकों को रवाना कर दिया गया है। सेक्टर मजिस्ट्रेटों को 23 वाहन उपलब्ध करवाए गए हैं। इसके अलावा सुरक्षा बलों के जवानों की रवानगी के लिए पुलिस लाइन में 167 वाहनों की व्यवस्था की गई।
3 लाख 70 हजार से अधिक मतदाता
मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर कुल 3,70,829 मतदाता है। जिसमें पुरुष 1,92,984 तो वहीं महिला वोटर्स की संख्या 1,77,838 है। जबकि 7 थर्ड जेंडर वोटर्स हैं। वहीं पहली बार 4844 वोटर्स मतदान करेंगे। विधानसभा सीट के लिए कुल मतदान 225 केंद्र बनाए गए हैं। कुल बूथ 414 हैं। 4 जोनल मजिस्ट्रेट, 41 सेक्टर मजिस्ट्रेट बनाए गए हैं। 71 मतदान केंद्रों पर माइक्रो आब्जर्वर लगाए गए हैं। 9 उड़न दस्ता की टीमें हैं। 6 वीडियो निगरानी टीम हैं। प्रेक्षकों के मोबाइल नंबर भी जारी किए गए हैं। नवीन एसएल को सामान्य प्रेक्षक बनाया गया है, जिनका मोबाइल 9450300975 है। व्यय प्रेक्षक चेन बाशा को बनाया गया है। जिनका मोबाइल 9454681507 है।
जिले में अवकाश घोषित
जिला निर्वाचन अधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बताया कि उपचुनाव में मतदाताओं को मतदान पर्चियां वितरित की जा चुकी हैं। जिन मतदाताओं को किसी कारणवश मतदान पर्ची नहीं मिली है और उनका मतदाता सूची में नाम है तो उसके लिए निर्वाचन आयोग की ओर से अन्य विकल्प दिए गए हैं। इसमें आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, बैंकों व डाकघरों की फोटोयुक्त पासबुक, स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटोयुक्त पेंशन दस्तावेज, कर्मचारियों को जारी फोटोयुक्त सेवा पहचान पत्र, यूडीआईडी कार्ड से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी चंद्र विजय सिंह ने बताया कि पांच फरवरी को जिले में सार्वजनिक अवकाश घोषित किया है। जिले के कोषागार व उप कोषागार भी बंद रहेंगे।
14 कंपनी सुरक्षा बल मुहैया कराया गया
मतदान तो शांतिपूर्वक तरीके से संपन्न कराने के लिए 14 कंपनी सुरक्षा बल मुहैया कराया गया है। साथ ही, एक हजार अतिरिक्त पुलिसकर्मियों को भी तैनात किया गया है। मतदान के दौरान डीजीपी मुख्यालय स्थित कंट्रोल रूम से लगातार मॉनिटरिंग भी होगी। डीजीपी मुख्यालय के अधिकारियों के अनुसार मिल्कीपुर उपचुनाव में 12 कंपनी केंद्रीय अर्द्धसैनिक बल (सीएपीएफ) और दो कंपनी पीएसी दी गई है। मतदान केंद्र की सुरक्षा की जिम्मेदारी सीएपीएफ संभालेगी, जबकि आसपास की सुरक्षा का जिम्मा पुलिसकर्मियों के हवाले रहेगा। डीजीपी मुख्यालय ने अयोध्या पुलिस की मांग पर अतिरिक्त एक हजार पुलिसकर्मी भेजे हैं।
ये कैंडीडेट चुनाव के मैदान में
मिल्कीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी ने अजीत प्रसाद को टिकठट दिया है। जबकि बीजेपी ने चंद्रभानु पासवान को पहली बार चुनाव के मैदान में उतारा है। राम नरेश चौधरी मौलिक अधिकार पार्टी से हैं, जिनका सिंबल ऑटो रिक्शा है। सुनीता राष्ट्रीय जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) है और इनका चुनाव चिन्ह आरी है। संतोष कुमार आजाद समाज पार्टी (कांशीराम) से हैं और इनका चुनाव चिन्ह केतली है। अरविंद कुमार निर्दलीय है और इनका चुनाव चिन्ह हाथ गाड़ी है। कंचनलता निर्दलीय है इनका चुनाव चिन्ह द्वार घंटी है। भोलानाथ निर्दलीय है और इनका चुनाव चिन्ह अंगूठी हैं। वेद प्रकाश निर्दलीय हैं और इनका चुनाव चिन्ह फुटबाल खिलाड़ी है। संजय पासी निर्दलीय हैं और इनका चुनाव चिन्ह कैमरा है।
57 हजार पासी मतदाता निभाते हैं अहम रोल
अयोध्या की मिल्कीपुर विधानसभा सीट के आंकड़ों की बात करें तो यहां कुल मतदाताओं की संख्या 3 लाख 70 हजार है। ऐसा माना जाता है कि इसमें सबसे अधिक अनुसूचित जाति और फिर दूसरे नंबर पर पिछड़े वर्ग के वोटर हैं। यहां अनुसूचित जाति वर्ग में पासी समाज और ओबीसी में यादव सबसे प्रभावी हैं। यहां सवा लाख दलित हैं, जिनमें पासी बिरादरी के वोट ही करीब 57 हजार हैं। इसके अलावा 30 हजार मुस्लिम और 55 हजार यादवों की तादाद है। इसके साथ ही मिल्कीपुर में सवर्ण बिरादरी में ब्राह्मण समाज के 60 हजार मतदाता हैं। क्षत्रियों और वैश्य समुदाय की तादाद क्रमशः 25 हजार और 20 हजार है। अन्य जातियों में कोरी 20 हजार, चौरसिया 18 हजार हैं। साथ ही पाल और मौर्य बिरादरी भी अहम हैं।
सपा-बीजेपी ने पासी समाज के नेताओं पर लगाया दांव
मिल्कीपुर में लड़ाई सपा और बीजेपी के बीच बताई जा रही है। मिल्कीपुर में पासी मतदाता (पीएम) जीत-हार में अहम रोल निभाता है। ऐसे में समाजवादी पार्टी और बीजेपी ने इसी समाज से आने वाले नेताओं को टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतारा है। जानकारों का कहना है कि बीजेपी ने चंद्रभानु पासवान पर दांव लगाकर सपा के अंदर हलचल तेज कर दी है। जानकार बताते हैं कि पासी समाज का मतदाता 2024 से पहले बीजेपी के साथ था। लेकिन लोकसभा चुनाव के वक्त ये वोटर्स सपा के पक्ष में चला गया। यही कारण रहा कि अयोध्या की सीट पर बीजेपी को हार उठानी पड़ी।