Milkipur by-election: फिर आमने-सामने होंगे योगी-अखिलेश… 5 फरवरी को वोटिंग, 8 को नतीजे

उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख घोषित कर दी गई है। 5 फरवरी, 2025 को वोटिंग होगी और 8 फरवरी को नतीजे आएंगे। यह सीट सपा नेता अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई थी।

Milkipur

Milkipur by-election: उत्तर प्रदेश के मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की तारीख तय कर दी गई है। यहां 5 फरवरी, 2025 को मतदान होगा और 8 फरवरी को नतीजे घोषित किए जाएंगे। यह सीट समाजवादी पार्टी के नेता अवधेश प्रसाद के सांसद चुने जाने के बाद रिक्त हुई थी। अवधेश प्रसाद ने 2024 के लोकसभा चुनाव में फैजाबाद सीट से जीत हासिल की थी, जिसके बाद मिल्कीपुर सीट पर उपचुनाव की आवश्यकता पड़ी। यह चुनाव बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, क्योंकि इसे प्रतिष्ठा का सवाल माना जा रहा है।

अवधेश प्रसाद के सांसद बनने के बाद रिक्त हुई सीट

2022 के विधानसभा चुनाव में अवधेश प्रसाद ने मिल्कीपुर सीट पर समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार के रूप में जीत दर्ज की थी। लेकिन 2024 में लोकसभा चुनाव के दौरान उन्हें फैजाबाद सीट से सांसद चुना गया, जिसके बाद मिल्कीपुर सीट रिक्त हो गई। अवधेश प्रसाद ने 13 जून, 2024 को विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र दिया था, और 12 दिसंबर, 2024 को उनके त्यागपत्र को छह महीने पूरे हो गए थे। यह सीट अब उपचुनाव के माध्यम से भरने की आवश्यकता है।

बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल

Milkipur विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव की तारीखों की घोषणा के साथ ही बीजेपी के लिए यह चुनाव एक चुनौती बन गया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्टी ने यूपी की 80 सीटों में से 37 सीटों पर जीत दर्ज की थी, लेकिन नवंबर में हुए उपचुनाव में उसे केवल दो सीटों पर ही विजय प्राप्त हुई थी। बीजेपी के लिए यह सीट अब प्रतिष्ठा का सवाल बन गई है, क्योंकि वह इस सीट को अपनी झोली में डालने के लिए पूरी ताकत से चुनावी मैदान में उतरेगी।

चुनाव आयोग का फैसला 

चुनाव आयोग ने पहले अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र और झारखंड में चुनाव की तारीखों का ऐलान किया था, लेकिन मिल्कीपुर उपचुनाव की तारीख का एलान नहीं किया था। इसकी वजह Milkipur के पूर्व बीजेपी विधायक बाबा गोरखनाथ द्वारा दायर चुनाव याचिका थी। गोरखनाथ ने 2022 में मिल्कीपुर से अवधेश प्रसाद के चुनाव को उनके नामांकन पत्र में विसंगतियों का हवाला देते हुए चुनौती दी थी। बाद में गोरखनाथ ने चुनाव याचिका वापस लेने के लिए कोर्ट में याचिका दायर की, जिसके कारण चुनाव आयोग ने तारीखों की घोषणा में देरी की थी। अब यह मामला हल होने के बाद उपचुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया गया है।

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