कानपुर ऑनलाइन डेस्क। यूपी में अगला विधानसभा चुनाव 2027 में होना है, लेकिन सूबे का सियासी पारा अभी से चढ़ गया है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने चुनाव की कमान अपने हाथों में थाम ली है तो अखिलेश यादव भी लाव-लश्कर के साथ मैदान पर उतर चुके हैं। ऐसे में सीएम योगी के लिए एक बुरी खबर कानपुर देहात से सामने आई। यहां उनकी ही सरकार की मंत्री प्रतिभा शुक्ला अपने पति अनिल शुक्ल वारसी के साथ थाने के बाहर धरने पर बैठ गए। बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले पर जुबानी फायर भी किए। मंत्री के पति ने डिप्टी सीएम बृजेश पाठक को फोन लगाया और ब्राम्हणों के उत्पीड़न का मुद्दा उठाया। जिनके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं। विवाद के बाद अखिलेश यादव ने भी तंस कसते हुए बीजेपी को घेरा है।
कहते हैं दिल्ली की कुर्सी का रास्ता यूपी से ही होकर गुजरता है। जिस दल ने यूपी को जीता, समझो केंद्र में उसकी सरकार बनना तय हैं। 2014 के चुनाव में बीजेपी को यूपी में प्रचंड जीत मिली और नरेंद्र मोदी पीएम बने। 2017 के विधानसभा चुनाव में भी कमल का फूल खिला और सूबे की बागडोर योगी आदित्यनाथ को मिली। इसके बाद 2019 और 2022 में बीजेपी को जनता ने जीत दिलाई। लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव में अखिलेश यादव और राहुल गांधी की जोड़ी ने बड़ा उलटफेर कर दिया। इंडिया गठबंधन को बीजेपी से ज्यादा सीट मिलीं। यही वजह रही कि बीजेपी तीसरी बार सत्ता में तो आई, लेकिन पूर्ण बहुमत भगवा बिग्रेड को नहीं मिला। अब बीजेपी की नजर 2027 के विधानसभा चुनाव में हैं। खुद पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह ने चुनाव की कमान अपने हाथों में ली ली है। लेकिन पार्टी के अंदर गुटबाजी तेज हो गई है। बीजेपी के नेता एक-दूसरे को घेर रहे हैं और अपनी ही सरकार के खिलाफ थाने के बाहर बैठकर धरना दे रहे हैं।
कुछ ऐसा ही मामला कानपुर देहात में सामने आया। यहां यूपी सरकार की मंत्री प्रतिभा शुक्ला अपने पति अनिल शुक्ल वारसी के साथ थाने के बाहर 6 घंटे तक धरने पर बैठी रहीं। दरअसल मंत्री का नाम प्रतिभा शुक्ला हैं, जो अनिल वारिसी शुक्ला की पत्नी हैं। अनिल शुक्ल वारसी की पकड़ कानपुर नगर, कानपुर देहात, कन्नौज, फतेहपुर और कौशांबी तक बताई जाती है। अनिल शुक्ल वारसी कानपुर देहात से बीएसपी के टिकट पर सांसद चुने गए थे। 2017 से ठीक पहले वह पत्नी प्रतिभा शुक्ला के साथ बीजेपी में शामिल हो गए थे। अनिल शुक्ल का दावा है कि बीजेपी की तरफ से कहा गया था कि 2024 के चुनाव में उन्हें टिकट दिया जाएगा। लेकिन पार्टी ने देवेंद्र सिंह भोल को प्रत्याशी बनाया और वह लगातार तीसरी बार सांसद चुने गए। अनिल शुक्ल का उम्मीद थी कि बीजेपी उन्हें संगठन में पद दे सकती है। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जानकार बताते हैं कि देवेंद्र सिंह भोले ने कानपुर देहात में अनिल शुक्ल वारसी के सियासी रास्तों पर ब्रेक लगा दिए। जिसके बाद दोनों नेताओं के बीच छत्तीस का आंकड़ा हो गयज्ञं
जिसकी बानगी एक वीडियो में देखी जा सकती है। दरअसल उत्तर प्रदेश सरकार में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने अकबरपुर थाने के बाहर थाना अध्यक्ष के खिलाफ धरना दिया। अब उनके पति और पूर्व सांसद अनिल शुक्ला का भी वीडियो सामने आया है, जिसमें वह अकबरपुर लोकसभा क्षेत्र के भाजपा सांसद देवेंद्र सिंह भोले के खिलाफ जमकर टिप्पणी करते हुए नजर आ रहे हैं। अनिल शुक्ला ने साफ कहा कि अगर पार्टी ने उनकी पत्नी को मंत्री नहीं बनाया होता तो वह खुद ही साल 2024 का लोकसभा चुनाव कानपुर देहात (अकबरपुर) से लड़ते। इसके ठीक पहले पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी एक वीडियो में डिप्टी सीएम बृजेश पाठक से बातचीत करते हुए दिख रहे। इसमें वह डिप्टी सीएम बृजेश पाठक पर निशाना साध रहें। वह डिप्टी सीएम को भी निशाने पर लेते हुए कहते हैं कि आप लोग सुरक्षा नहीं कर सकते। आपको उपमुख्यमंत्री ब्राह्मणों की रक्षा करने के लिए बनाया गया है। वीडियो में दिख रहा है कि डिप्टी सीएम ने आधी बात सुनते ही फोन काट दिया। फिलहाल ये वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं।
यूपी सरकार में मंत्री के पति और भाजपा नेता अनिल शुक्ला ने जिस तरह से बीजेपी सांसद के खिलाफ टिप्पणी की है, उसने एक बार फिर कानपुर क्षेत्र भाजपा में नेताओं के आपसी टकराव को उजागर कर दिया है। इन वीडियो के अलावा एक और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, उसकी वजह एक थानेदार को बताया जा रहा है। खुद यूपी सरकार में राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला ने अकबरपुर कोतवाली पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि पुलिस फर्जी केस लिख रही है और बदतमीजी कर रही है। मंत्री का आरोप है कि सांसद के इशारे पर पुलिस सिर्फ ब्राम्हणों का टारगेट कर रही है। गरीब ब्राम्हणों पर केस दर्ज करवाए जा रहे हैं। महिलाओं के साथ अभद्रता की जा रही है। मंत्री ने बीजेपी सांसद पर आरोप लगाया कि बीजेपी सांसद के आदमी थाना चला रहे हैं। विवाद फैला रहे हैं। मामला बढ़ने पर सरकार सख्त हुई और थानेदार को थाने से हटा दिया गया। जानकार बताते हैं कि अनिल शुक्ल वारसी 2027 में बड़ा खेला कर सकते हैं। वह बीजेपी को छोड़ सपा के साथ जा सकते हैं।