Lakhimpur News: उत्तर प्रदेश के लखीमपुर से एक बड़ी खबर सामने आ रही है, बताया जा रहा है, कि लखीमपुर जिले में सदर विधायक योगेश वर्मा को बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह द्वारा पीटे जाने की घटना सामने आईं है, जिसके बाद इस घटना ने सवाल खड़े कर दिए हैं। यह घटना उस समय हुई जब विधायक ने अर्बन कॉपरेटिव बैंक चुनाव के दौरान मतदाता सूची फाड़ने पर अपनी आपत्ति जताई थी।
क्या है पूरा मामला
स्थानीय स्तर पर चल रहे अर्बन कॉपरेटिव बैंक चुनाव के दौरान योगेश वर्मा ने जब मतदाता सूची को फाड़े जाने का विरोध किया, तो इस पर विवाद बढ़ गया। विवाद बढ़ने के बाद बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह ने विधायक पर हमला कर दिया। यह घटना सीधे पुलिस के सामने हुई, लेकिन पुलिस ने इस दौरान केवल मूक दर्शक बनकर सब कुछ देखा।
देखती रह गई पुलिस,पीटे गए विधायक योगेश वर्मा
लखीमपुर : पुलिस के सामने पीटे गए सदर विधायक योगेश वर्मा
बार संघ अध्यक्ष अवधेश सिंह ने विधायक को पीटा
अर्बन कॉपरेटिव बैंक चुनाव बना जंग का अखाड़ा
मतदाता सूची फाड़ने पर योगेश ने आपत्ति जताई थी@lakhimpurpolice @Uppolice #Lakhimpur pic.twitter.com/o70jnbZg4g
— News1India (@News1IndiaTweet) October 9, 2024
पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठे
इस घटना के दौरान पुलिस की लिए लोगों के बीच आक्रोश हो गया, कई लोगों का कहना है कि जब पुलिस मौजूद थी, तो उसे इस प्रकार की घटना को रोकना चाहिए था। जनता ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस तरह की घटनाओं से कानून-व्यवस्था पर विपरीत प्रभाव पड़ता है।
इस घटना के बाद स्थानीय राजनीतिक नेताओं और नागरिकों ने योगेश वर्मा के समर्थन में आवाज उठाई है। उन्होंने कहा कि ऐसी हिंसा का राजनीतिक कारण नहीं होना चाहिए। सभी दलों को एक साथ आकर इस तरह की घटनाओं के खिलाफ खड़ा होना चाहिए।
घटना पर प्रशासन ने क्या कहा
बता दें, कि घटना के बाद प्रशासन ने मामले की जांच के आदेश दिए हैं। विधायक योगेश वर्मा ने आरोप लगाया है कि उनके साथ जानबूझकर हमला किया गया और इसे राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम बताया है। पुलिस अधिकारियों ने कहा है कि घटना की जांच की जाएगी और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
लखीमपुर में विधायक योगेश वर्मा की पिटाई ने एक बार फिर राजनीतिक हिंसा और पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठाए हैं। यह घटना न केवल स्थानीय राजनीति में उथल-पुथल का कारण बनी है, बल्कि यह लोगों के मन में पुलिस और प्रशासन के प्रति अविश्वास भी पैदा कर रही है। अब देखना यह है कि प्रशासन इस मामले में क्या कदम उठाता है।