मोदी सरकार के मंत्री Kirtivardhan Singh पर ‘जमीन कब्जा’ बम! बृजभूषण के विरोधी खेमे में हलचल, कोर्ट के आदेश पर FIR

गोंडा की सियासत में हलचल मच गई है। केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री और सांसद कीर्तिवर्धन सिंह पर जमीन कब्जाने के गंभीर आरोप लगे हैं। कोर्ट के आदेश पर मंत्री और उनके चार साथियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हुई है।

Kirtivardhan Singh

Kirtivardhan Singh News: गोंडा की सियासत में भूचाल ला देने वाला मामला सामने आया है। केंद्र की मोदी सरकार में विदेश राज्य मंत्री और गोंडा के सांसद Kirtivardhan Singh, जो मनकापुर स्टेट के राजा भी हैं, पर जमीन हड़पने के संगीन आरोप लगे हैं। अजय सिंह नाम के शख्स ने मंत्री और उनके चार करीबियों पर उनकी पत्नी की जमीन का फर्जी बैनामा कराने, पुरानी तारीख के स्टांप पेपर से दस्तावेज तैयार करने और कब्जे की कोशिश करने का आरोप जड़ा है। धमकी देने और झूठे केस में फंसाने का डराने वाला एंगल भी सामने आया है। खास बात यह कि मनकापुर स्टेट को बीजेपी के बाहुबली नेता बृजभूषण शरण सिंह के विरोधी गुट का गढ़ माना जाता है। कोर्ट ने आरोपों को गंभीर मानते हुए एफआईआर और 15 दिन में जांच रिपोर्ट का आदेश दिया है।

गोंडा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की टीम के मंत्री और गोंडा के राजनीतिक शाही परिवार के वारिस कीर्तिवर्धन सिंह पर एफआईआर दर्ज होने के बाद जिले की सियासत में हड़कंप है। यह वही कीर्तिवर्धन हैं, जिनके गढ़ मनकापुर को लंबे समय से बृजभूषण शरण सिंह विरोधी खेमे का केंद्र माना जाता है। अब उन पर लगे ‘जमीन कब्जा’ के आरोप विपक्ष को सियासी हथियार दे सकते हैं।

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अजय सिंह का दावा है कि उनकी पत्नी मनीषा सिंह द्वारा खरीदी गई जमीन को मंत्री और उनके साथियों—राजेश सिंह, सहदेव यादव, पिंकू और कांति सिंह—ने पुरानी तारीख के स्टांप पेपर से फर्जी बैनामा करवा लिया। विक्रेता बिट्टन देवी को कथित तौर पर लालच और दबाव में लाकर जमीन का हिस्सा मिथिलेश रस्तोगी और कांति सिंह के नाम कर दिया गया।

शिकायतकर्ता के अनुसार, जब उन्होंने विरोध किया तो मंत्री Kirtivardhan Singh गुट ने जमीन पर कब्जे की कोशिश की और उन्हें जान से मारने व झूठे मुकदमे में फंसाने की धमकी दी। कार्रवाई न होने पर मामला एमपी/एमएलए कोर्ट पहुंचा, जहां सिविल जज अपेक्षा सिंह ने पुलिस को नामजद पांचों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर 15 दिन में रिपोर्ट पेश करने का आदेश दे दिया।

यह केस न सिर्फ कानूनी बल्कि राजनीतिक मोर्चे पर भी बड़ा तूफान खड़ा करने वाला माना जा रहा है, क्योंकि इसमें बीजेपी के भीतर के गुटीय समीकरण भी खुलकर सामने आ सकते हैं।

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