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'जेल में AC रुम में रहा मोहम्मद जुबैर', फेक न्यूज फैलाने वालों को लगा झटका

‘जेल में AC रुम में रहा मोहम्मद जुबैर’, फेक न्यूज फैलाने वालों को लगा झटका

ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद जुबैर के दर्जन से अधिक केस थे। जिनमें हिंदू संतों को बदनाम करने से लेकर फर्जी खबरें फैलाने तक के कई मामले शामिल थे। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने मोहम्मद जुबैर को जमानत दे दी है। मोहम्मद ज़ुबैर 24 दिनों की पुलिस हिरासत रहा।

बता दें कि मोहम्मद जुबैर ने अपमानजनक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं को आहत किया था। जिसके चलते 28 जून, 2022 को दिल्ली पुलिस ने जुबैर गिरफ्तार किया था। उसके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए और 295 के तहत मामला दर्ज किया गया था।

ज़ुबैर ने भगवान हनुमान का मजाक उड़ाया

यह प्राथमिकी ट्विटर यूजर @balajikijaiin के एक ट्वीट पर आधारित थी जिसमें यूजर ने जुबैर के एक पुराने ट्वीट का स्क्रीनशॉट शेयर किया था जिसमें ज़ुबैर ने भगवान हनुमान का मजाक उड़ाया था।

@balajikijain ने अपने ट्वीट में दिल्ली पुलिस को टैग किया था और उनसे भगवान हनुमान के खिलाफ अपमानजनक पोस्ट के साथ हिंदुओं की भावनाओं को आहत करने के लिए जुबैर के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा था।

इंटरव्यू में क्या कहा गया ?

इसी बीच द न्यूज मिनट ने मोहम्मद जुबैद के जेल से छूट के बाद एक इंटरव्यू प्रकाशित किया था। हालाँकि इंटरव्यू प्रकाशित होने के तुरंत बाद ही उसे अपडेट किया गया।

क्योंकि इंटरव्यू में कहा गया था कि मोहम्मद ज़ुबैर यूपी के जेलों में आराम से से रहे इसमें जुबैर ने जो उत्तर दिए वही बात लिखी गई थी। ऐसे में इस बात की संभावना न के बराबर है ।

जबकि लिबरल-वामपंथी गिरोह ने ऐसी कई कहानियाँ बुनी थी, जिसमें मोहम्मद जुबैद को जेल में कठोर परिस्थिति में रखा गया और दुर्व्यवहार किया गया हो।

आपको बता दें द न्यूज मिनट एक ऐसा संस्थान जो अपने वामपंथी झुकाव के लिए जाना जाता है.. जिसके मोहम्मद जुबैर के लिए प्रोपेगेंडा चलाने में और झूठ फैलाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लेख में कहा गया है कि दिल्ली पुलिस ने जुबैर को जेल में वातानुकूलित कमरे में रखा गया था। लेकिन घंटों बाद लेख में “एसी रूम” को एडिट करके केवल “रूम” में बदल दिया गया है।

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AC कमरे के संदर्भ को हटाने के दो मतलब हो सकते है या तो द न्यूज मिनट ने लेख को एडिट किया क्योंकि इसने दिल्ली पुलिस द्वारा मोहम्मद जुबैर को एसी कमरे में रखने के बारे में फर्जी खबर की रिपोर्ट की या अपने पीड़ित वाले नैरेटिव को बचाए रखने के लिए इसे बदल दिया गया।

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