क्या है मामला?
मऊ के दक्षिण टोला थाना क्षेत्र के रैनि गांव के पास ‘विकास कंस्ट्रक्शन’ नामक फर्म द्वारा जमीन लेकर गोदाम बनाया गया, जिसे एफसीआई को किराए पर दिया गया था। इस फर्म में मुख्तार अंसारी की पत्नी, दोनों साले अनवर शहजाद और आतिफ रजा, रविंद्र नारायण सिंह और जाकिर हुसैन उर्फ विक्की शामिल थे।
अफशां अंसारी पर आरोप
राजस्व विभाग की जांच में पता चला कि विकास कंस्ट्रक्शन फर्म ने अनुसूचित जाति के लोगों को पट्टे पर दी गई जमीन को गलत तरीके से अपने नाम कर लिया है। इसके अलावा, कुछ अन्य लोगों की जमीन भी गलत तरीके से ली गई। परीक्षण में, पूर्व तहसीलदार पीसी श्रीवास्तव ने पाया कि फर्म ने अनुसूचित जाति के लोगों को पट्टे पर दी गई जमीन को फर्म के नाम पर कराया। 2020 में मुख्तार अंसारी की पत्नी और उसके सालों के साथ पांच लोगों के खिलाफ मऊ के दक्षिण टोला थाने में गलत तरीके से जमीन कब्जा करने का मुकदमा दर्ज हुआ।
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फर्म के गोदाम की बाउंड्री वॉल को इस मुकदमे के बाद जून 2021 में जिला प्रशासन ने गिरा दी और कब्जा की गई जमीन को मुक्त कराया गया। बाकी सभी आरोपी पहले ही कोर्ट में पेश हुए हैं, लेकिन मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशां अंसारी अभी से फरार है। बाद में जनवरी 2022 में गैंगस्टर कानून के तहत मुकदमा दर्ज किया गया। लेकिन 2022 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज होने के बावजूद अफशां अंसारी अभी तक फरार है। पुलिस मऊ में इसकी गिरफ्तारी की लगातार कोशिश कर रही है और गाजीपुर में भी इसके संभावित स्थानों पर छापेमारी कर चुकी है, लेकिन अभी तक वह गिरफ्तार नहीं हुआ है।
आगे की कार्रवाई
जून 2021 में जिला प्रशासन ने फर्म के गोदाम की बाउंड्री वॉल गिराकर कब्जा की गई जमीन को मुक्त कराया। सभी आरोपी पहले ही कोर्ट में पेश हो चुके हैं, लेकिन अफशां अंसारी अभी भी फरार है। जनवरी 2022 में गैंगस्टर एक्ट के तहत मामला दर्ज होने के बावजूद, पुलिस अब तक उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई है। मऊ पुलिस उसकी गिरफ्तारी के लिए लगातार कोशिश कर रही है और गाजीपुर में संभावित ठिकानों पर छापेमारी भी कर चुकी है, लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिली है।